देहरादून: उत्तराखंड में सड़क हादसे रोकने के लिए ब्लैक स्पॉट (Black Spot in uttarakhand) को चिह्नित किया गया है. प्रदेश भर में 163 ब्लैक स्पॉट हैं. इन ब्लैक स्पॉट पर हादसों की रोकथाम के तमाम उपाय किए जा रहे हैं. सड़क सुरक्षा के तहत राज्य सरकार के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने करीब 120 ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त कर दिया है.
क्या होते हैं ब्लैक स्पॉट: दुर्घटना के लिहाज से किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग, स्टेट हाइवे या जिला मार्ग पर मौजूद वह स्थान जहां पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं. किसी विशेष जगह पर तीन साल तक लगातार या फिर एक साल में 5 दुर्घटनाएं हुई हों, जिसमें लोग गंभीर रूप से घायल हो जाएं या फिर 10 लोगों की मौत हो जाए, तो उस जगह को दुर्घटना प्रोन स्थान के रूप में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ब्लैक स्पॉट के रूप में चिन्हित करती है.
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उत्तराखंड में ब्लैक स्पॉट्स की स्थिति: साल 2013 में सड़क सुरक्षा अधिनियम के तहत सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूरे राज्य के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई, जो कि प्रदेशभर में सड़क के उन स्थानों को चिन्हित करती है, जहां पर पिछले 3 सालों में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं. ऐसी जगहों को ब्लैक स्पॉट नाम दिया गया है. उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेशभर में ऐसे 163 ब्लैक स्पॉट हैं, जिसमें करीब 120 ब्लैक स्पॉट को ठीक किया गया है.