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जल जीवन मिशन योजना के लिये स्वीकृत हुए 1565 करोड़ रुपये, हर घर को मिलेगा पीने का पानी

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Published : Jul 8, 2020, 10:13 PM IST

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में 'जल जीवन मिशन' को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की. उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल के माध्यम से गुणवत्ता युक्त स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की.

'जल जीवन मिशन' योजना के लिये स्वीकृत हुए 1565 करोड़ रूपये
'जल जीवन मिशन' योजना के लिये स्वीकृत हुए 1565 करोड़ रूपये

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में 'जल जीवन मिशन' को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन एक समयबद्ध कार्यक्रम है. सभी जिलाधिकारियों को इसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये हर संभव प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल के माध्यम से गुणवत्ता युक्त स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी है. इसके लिये जिलाधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाओं और प्रबंधन के लिये अधिकार प्रदान किये गये हैं.

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि शासन स्तर पर इससे संबंधित स्वीकृतियों आदि में विलंब न हो, इसके लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (D.W.S.M) को एक करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार दिये गए हैं. इसके साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के आयुक्तों को 02 करोड़ तथा 05 करोड़ के प्रस्तावों की मंजूरी के लिये स्टेट लेवल कमेटी तथा इससे ऊपर के प्रस्तावों को ही शासन को संदर्भित किये जाने के निर्देश दिये हैं.

पढ़ें- कोरोना संकट: दून रेलवे स्टेशन पर पसरा सन्नाटा, टैक्सी पर लगी 'ब्रेक'

सीएम त्रिवेंद्र ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि जन जीवन से जुड़ा यह महत्वपूर्ण विषय है. अतः इसमें किसी भी प्रकार की लापारवाही नहीं बरती जानी चाहिए. इस योजना के तहत अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो, इसका ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि वन, राजस्व, पेयजल आदि विभागों को सामूहिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी जिलाधिकारियों से जल जीवन मिशन के तहत दिये गये लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने पर जोर दिया. जिलाधिकारियों को इसमें व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना होगा तभी इतनी बड़ी योजना के क्रियान्वयन में हम सफल हो पायेंगे. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी जिलाधिकारी इस वर्ष के लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ ही आगे की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने के लिये प्रयासरत रहेंगे. उन्होंने सीमांत जनपदों में माइग्रेट होने वाले गांवों के सभी घरों को इसमें शामिल करने के भी निर्देश दिये.

पढ़ें- CBSE के फैसले को अमल में लाएगा शिक्षा विभाग, पुराने मार्क्स के आधार पर होगा आकलन

इस अवसर पर सचिव पेयजल नीतेश झा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी विकास खण्डों की 7755 ग्राम पंचायतों के 14871 गांवों में फंक्सनल हाऊस होल्ड टेप कनेक्शन (FHTC) उपलब्ध कराये जाने हैं. इसके लिये वर्ष 2020-21 के लिये 35,8,880 घरों को नल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जनपद चमोली को वर्ष 2020-21 में सभी 43265 घरों को घरेलू जल संयोजन के साथ जोड़ा जाना है. इसके साथ ही डोईवाला, पौड़ी का थलीसैण, रुद्रप्रयाग का ऊखीमठ, उत्तरकाशी का भटवाड़ी, नैनीताल का हल्द्वानी तथा पिथौरागढ़ का धारचूला विकास खण्ड को शत-प्रतिशत आच्छादन का लक्ष्य भी इस वर्ष के लिये रखा गया है.

पढ़ें- प्रवासियों को पर्यटन से जोड़ने की कवायद तेज, होम स्टे योजना पर फोकस

उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये भारत सरकार ने 1565.06 करोड़ की कार्य योजना स्वीकृत की है. इसके लिये 140 एन.जी.ओ को भी सूचीबद्ध किया गया है. उन्होंने जिलाधिकारियों से 2021 तक सभी योजनाओं के टेंडर जारी करने की भी अपेक्षा की. शासन द्वारा इस सम्बन्ध में शीघ्र ही गाइडलाइन भी जारी की जायेगी. वहीं इस अवसर पर जिलाधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव रखे गये तथा योजना को समय बद्धता के साथ पूर्ण करने का आश्वासन दिया.

देहरादून: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में 'जल जीवन मिशन' को लेकर सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन एक समयबद्ध कार्यक्रम है. सभी जिलाधिकारियों को इसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये हर संभव प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल के माध्यम से गुणवत्ता युक्त स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी है. इसके लिये जिलाधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाओं और प्रबंधन के लिये अधिकार प्रदान किये गये हैं.

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि शासन स्तर पर इससे संबंधित स्वीकृतियों आदि में विलंब न हो, इसके लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (D.W.S.M) को एक करोड़ तक की योजनाओं की स्वीकृति के अधिकार दिये गए हैं. इसके साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के आयुक्तों को 02 करोड़ तथा 05 करोड़ के प्रस्तावों की मंजूरी के लिये स्टेट लेवल कमेटी तथा इससे ऊपर के प्रस्तावों को ही शासन को संदर्भित किये जाने के निर्देश दिये हैं.

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सीएम त्रिवेंद्र ने समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि जन जीवन से जुड़ा यह महत्वपूर्ण विषय है. अतः इसमें किसी भी प्रकार की लापारवाही नहीं बरती जानी चाहिए. इस योजना के तहत अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो, इसका ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि वन, राजस्व, पेयजल आदि विभागों को सामूहिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा.

मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने भी जिलाधिकारियों से जल जीवन मिशन के तहत दिये गये लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूर्ण करने पर जोर दिया. जिलाधिकारियों को इसमें व्यक्तिगत रूप से ध्यान देना होगा तभी इतनी बड़ी योजना के क्रियान्वयन में हम सफल हो पायेंगे. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी जिलाधिकारी इस वर्ष के लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ ही आगे की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने के लिये प्रयासरत रहेंगे. उन्होंने सीमांत जनपदों में माइग्रेट होने वाले गांवों के सभी घरों को इसमें शामिल करने के भी निर्देश दिये.

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इस अवसर पर सचिव पेयजल नीतेश झा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि वर्ष 2024 तक प्रदेश के सभी विकास खण्डों की 7755 ग्राम पंचायतों के 14871 गांवों में फंक्सनल हाऊस होल्ड टेप कनेक्शन (FHTC) उपलब्ध कराये जाने हैं. इसके लिये वर्ष 2020-21 के लिये 35,8,880 घरों को नल से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. जनपद चमोली को वर्ष 2020-21 में सभी 43265 घरों को घरेलू जल संयोजन के साथ जोड़ा जाना है. इसके साथ ही डोईवाला, पौड़ी का थलीसैण, रुद्रप्रयाग का ऊखीमठ, उत्तरकाशी का भटवाड़ी, नैनीताल का हल्द्वानी तथा पिथौरागढ़ का धारचूला विकास खण्ड को शत-प्रतिशत आच्छादन का लक्ष्य भी इस वर्ष के लिये रखा गया है.

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उन्होंने बताया कि जल जीवन मिशन के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिये भारत सरकार ने 1565.06 करोड़ की कार्य योजना स्वीकृत की है. इसके लिये 140 एन.जी.ओ को भी सूचीबद्ध किया गया है. उन्होंने जिलाधिकारियों से 2021 तक सभी योजनाओं के टेंडर जारी करने की भी अपेक्षा की. शासन द्वारा इस सम्बन्ध में शीघ्र ही गाइडलाइन भी जारी की जायेगी. वहीं इस अवसर पर जिलाधिकारियों ने अपने-अपने सुझाव रखे गये तथा योजना को समय बद्धता के साथ पूर्ण करने का आश्वासन दिया.

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