देहरादून: एक तरफ उत्तराखंड पुलिस को हाईटेक करने के दावे को किए जा रहे हैं तो वहीं मॉनसून सीजन में पुलिस थानों और चौकियों की हालत इतनी दयनीय है कि किसी भी वक्त हादसा हो सकता है. जनता की सुरक्षा करने वाले पुलिसकर्मी अपनी ही जान खतरे में डालकर थाना-चौकी में काम कर रहे हैं.
बारिश के मौसम में गंदगी और पानी के भराव होने से जर्जर भवनों में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. मानसून के मौसम में डालनवाला थाने के 6 पुलिसकर्मियों के बाद अब रायपुर थाने में भी 15 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को डेंगू ने अपने चपेट में ले लिया है. आलाधिकारी प्रभावी कार्रवाई करने की बजाय AC ऑफिस में बैठकर मामले के बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं.
राजधानी देहरादून में कई ऐसी पुलिस चौकियां हैं, जिनके भवनों की हालत दयनीय है. बारिश में छतों के टपकने से इन चौकियों और थानों की हालत खस्ताहाल है. यहां काम करना तो दूर, खड़े होना भी दुश्वार नजर आता है. कमरों में कबाड़ खाने जैसी फैली गंदगी, दीवारों में सीलन और वर्षों से सड़ रहे दुपहिया वाहनों के स्थान में मलेरिया-डेंगू जैसे मच्छर जानलेवा तरीके से फैल रहे हैं. देहरादून के थाना चौकियों में सबसे जर्जर और बुरी हालत पटेल नगर बाजार चौकी की है.
उधर, थाना-चौकियों में लगातार फैलते डेंगू के प्रकोप को रोकने के लिए पुलिस विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है, हालांकि, शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में जरूर डेंगू से बचने के लिए फागिंग की गई, लेकिन अभी तक थाना चौकियों में डेंगू के प्रकोप को कम करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई.
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इस मामले में पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि डेंगू जिस तरह से थानों में फैल रहा है, वह एक गंभीर विषय है. ऐसे में सभी थाने-चौकियों को साफ-सफाई रखने के साथ जरूरी एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं और जर्जर हालत वाले थाना-चौकियों की जांच कर आगामी दिनों में सुधार करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.