मसूरी: पहाड़ों की रानी में नगर पालिका द्वारा संचालित एकमात्र महाविद्यालय एमपीजी कॉलेज असिस्टेंट प्रोफेसरों की कमी से जूझ रहा है. इस कारण छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है. इस महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 13 पद खाली हैं. असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति न होने से छात्रों में आक्रोश है.
मसूरी शहर में एक मात्र उच्च शिक्षा का महाविद्यालय एमपीजी कॉलेज है. यहां दूर-दराज क्षेत्र से छात्र पढ़ने आते हैं. मगर असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है. इस संबंध में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील पंवार ने बताया कि एमपीजी कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसरों के 13 पद रिक्त हैं, जबकि कुल 23 पद स्वीकृत हैं. उन्होंने बताया फिलहाल छात्रों को पढ़ाने के लिए अंशकालिक शिक्षकों की व्यवस्था की गई है.
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उन्होंने बताया प्रदेश सरकार ने अशासकीय महाविद्यालयों में नियुक्ति पर रोक लगा रखी है. जिसके कारण परेशानी हो रही है. वह लगातार उच्चाधिकारियों को पत्र के माध्यम से इस मामले में अवगत करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व में रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए निविदाएं निकाली गई थी, लेकिन आरक्षण रोस्टर को लेकर विवाद हो गया था. जिसके कारण महाविद्यालय से जवाब-तलब किया गया. उसके बाद नियुक्ति रोक दी गई.
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वहीं इस मामले पर कॉलेज प्रबंधन समिति के अध्यक्ष और नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि असिस्टेंट प्रोफेसरों की कमी गंभीर समस्या है. यह पूरे प्रदेश में नगर पालिका का एकमात्र महाविद्यालय है जिसे पालिका संचालित करती है. उन्होंने कहा कि कॉलेज में दूरदराज जौनपुर व अन्य स्थानों से गरीब बच्चे पढ़ने आते हैं. लेकिन शिक्षकों की कमी के कारण उनका भविष्य अधर में लटक रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि शीघ्र नियुक्तियों पर लगी रोक को हटाया जाये, जिससे यहां नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जा सके.