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देहरादून में 123 बच्चों का वात्सल्य योजना के लिए हुआ चयन

वात्सल्य योजना उन बच्चों के संरक्षण और पोषण के लिए चलायी गई है, जो कोविड काल में अनाथ या फिर निराश्रित हुए हैं. योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 21 वर्ष की आयु तक तीन हजार रुपए प्रति माह दिया जाने का प्रावधान है.

Vatsalya scheme
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Published : Jul 16, 2021, 6:46 PM IST

देहरादून: जिला प्रशासन देहरादून ने 123 बच्चों का चयन वात्सल्य योजना के लिए किया है. इन 123 बच्चों को वात्सल्य योजना के तहत आर्थिक सहायता मिलेगी. ये 123 वो बच्चे है, जिनके सिर से कोरोना काल में माता-पिता का साया उठ गया था.

योजना के लिए गठित जिला स्तरीय समिति ने 123 आवेदनों को सही पाते हुए, उनके प्रस्ताव को शासन को भेज दिया है. साथ ही बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी तहसीलों के समन्वय से उन आवेदनों को भी जल्द अनुमोदन के लिए उपलब्ध कराया जाए, जो अभी तक प्राप्त नहीं हो पाये हैं.

पढ़ें- एक मंच, एक वादा, फिर भी फ्री बिजली पर 'सरकार' के अलग-अलग सुर

वात्सल्य योजना उन बच्चों के संरक्षण और पोषण के लिए चलायी गई है, जो कोविड काल में अनाथ या फिर निराश्रित हुए हैं. योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 21 वर्ष की आयु तक तीन हजार रुपए प्रति माह दिया जाने का प्रावधान है. योजना के लाभार्थी को स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, अभिभावक का मृत्यु प्रमाण-पत्र, मृत्यु का कारण, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का संरक्षण के साथ संयुक्त खाते का विवरण उपलब्ध करवाना होता है.

बच्चों की औपचारिकताएं पूरी करवाने में सम्बन्धित क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ती अथवा अन्य सरकारी प्रतिनिधि सहायता करेगा. जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी तहसीलों के समन्वय से उन आवेदनों को भी जल्द अनुमोदन के लिए उपलब्ध कराया जाय जो अभी तक प्राप्त नहीं हो पाये हैं.

सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि कोविड काल में यदि 21 वर्ष से कम अवधि के बच्चों के माता या पिता या दोनों की कोरोना से अथवा किसी बीमारी से मृत्यु हुई हैं तो उनके आवेदन प्राप्त करते हुए उनका सत्यापन कर आवेदन का शीघ्रता से जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय को प्रेषित करेंगे. ताकि जनपद में कोई भी अनाथ अथवा निराश्रित बच्चा योजना के लाभ से वंचित न रह पाए.

देहरादून: जिला प्रशासन देहरादून ने 123 बच्चों का चयन वात्सल्य योजना के लिए किया है. इन 123 बच्चों को वात्सल्य योजना के तहत आर्थिक सहायता मिलेगी. ये 123 वो बच्चे है, जिनके सिर से कोरोना काल में माता-पिता का साया उठ गया था.

योजना के लिए गठित जिला स्तरीय समिति ने 123 आवेदनों को सही पाते हुए, उनके प्रस्ताव को शासन को भेज दिया है. साथ ही बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी तहसीलों के समन्वय से उन आवेदनों को भी जल्द अनुमोदन के लिए उपलब्ध कराया जाए, जो अभी तक प्राप्त नहीं हो पाये हैं.

पढ़ें- एक मंच, एक वादा, फिर भी फ्री बिजली पर 'सरकार' के अलग-अलग सुर

वात्सल्य योजना उन बच्चों के संरक्षण और पोषण के लिए चलायी गई है, जो कोविड काल में अनाथ या फिर निराश्रित हुए हैं. योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 21 वर्ष की आयु तक तीन हजार रुपए प्रति माह दिया जाने का प्रावधान है. योजना के लाभार्थी को स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, अभिभावक का मृत्यु प्रमाण-पत्र, मृत्यु का कारण, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों का संरक्षण के साथ संयुक्त खाते का विवरण उपलब्ध करवाना होता है.

बच्चों की औपचारिकताएं पूरी करवाने में सम्बन्धित क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ती अथवा अन्य सरकारी प्रतिनिधि सहायता करेगा. जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने जिला प्रोबेशन अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी तहसीलों के समन्वय से उन आवेदनों को भी जल्द अनुमोदन के लिए उपलब्ध कराया जाय जो अभी तक प्राप्त नहीं हो पाये हैं.

सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि कोविड काल में यदि 21 वर्ष से कम अवधि के बच्चों के माता या पिता या दोनों की कोरोना से अथवा किसी बीमारी से मृत्यु हुई हैं तो उनके आवेदन प्राप्त करते हुए उनका सत्यापन कर आवेदन का शीघ्रता से जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय को प्रेषित करेंगे. ताकि जनपद में कोई भी अनाथ अथवा निराश्रित बच्चा योजना के लाभ से वंचित न रह पाए.

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