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100वां अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस, वक्ताओं ने पारंपरिक कृषि उत्थान पर दिया जोर - 100th International Cooperative Day

उत्तराखंड में आज 100वां अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में सहकारिता के जरिए किसानों को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है. पारंपरिक कृषि को अपनाकर किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. किसानों को उनकी उपज का अच्छे से अच्छा दाम मिले, इसके लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है.

100th International Cooperative Day
100वां अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस
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Published : Jul 2, 2022, 9:49 PM IST

देहरादून: राज्य सहकारिता भवन मियांवाला देहरादून में आज 100 वां अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन भी हुआ. इस दौरान सहकारिकता निबंधक आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि आजादी में सहकारिता का बड़ा योगदान रहा है. 1904 में सहकारिता का एक्ट बना था. इसका उद्देश्य सबको मिल जुलकर साथ चलने का है. उन्होंने कहा प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय सेवा केन्द्र में विकसित करना है. यह काम राज्य में बड़ी तेजी से हुआ है.

बता दें कि देश भर की तरह उत्तराखंड में भी सहकारिता के जरिए किसानों को प्रोत्साहित करने और उन्हें कृषि सेक्टर में बेहतर सुविधाएं देने के लिए काम किया जा रहा है. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि मिलेट मिशन योजनान्तर्गत प्रदेश में परम्परागत कृषि के उत्थान हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित मंडुवा, झंगोरा, राजमा, चौलाई का सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर क्रय कर किसानों की उपज का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है.

पढ़ें- भाजपा कर रही है 'रचनात्मक' राजनीति, विपक्षी दलों की भूमिका 'विनाशकारी': नड्डा

उन्होंने कहा कि सहकारिता से जुड़कर विभाग के माध्यम से प्रदेश में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठायें तथा एक सशक्त, समृद्ध एवं आत्मनिर्भर उत्तराखंड राज्य के निर्माण में अपना योगदान दें. अपर निबंधक आनंद शुक्ल ने कहा कि सहकारिता की परियोजना से पांच साल में गांव गांव में हर फील्ड में कार्य पूरे होंगे. डेयरी से विपणन प्रबंध पौध कृषि पशुपालन मत्स्य पालन सहित अनेक बुनियादी कार्य किये जा रहे हैं.

देहरादून: राज्य सहकारिता भवन मियांवाला देहरादून में आज 100 वां अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर एक गोष्ठी का आयोजन भी हुआ. इस दौरान सहकारिकता निबंधक आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि आजादी में सहकारिता का बड़ा योगदान रहा है. 1904 में सहकारिता का एक्ट बना था. इसका उद्देश्य सबको मिल जुलकर साथ चलने का है. उन्होंने कहा प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय सेवा केन्द्र में विकसित करना है. यह काम राज्य में बड़ी तेजी से हुआ है.

बता दें कि देश भर की तरह उत्तराखंड में भी सहकारिता के जरिए किसानों को प्रोत्साहित करने और उन्हें कृषि सेक्टर में बेहतर सुविधाएं देने के लिए काम किया जा रहा है. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के मौके पर आलोक कुमार पांडेय ने कहा कि मिलेट मिशन योजनान्तर्गत प्रदेश में परम्परागत कृषि के उत्थान हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित मंडुवा, झंगोरा, राजमा, चौलाई का सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर क्रय कर किसानों की उपज का उचित मूल्य प्रदान किया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि सहकारिता से जुड़कर विभाग के माध्यम से प्रदेश में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठायें तथा एक सशक्त, समृद्ध एवं आत्मनिर्भर उत्तराखंड राज्य के निर्माण में अपना योगदान दें. अपर निबंधक आनंद शुक्ल ने कहा कि सहकारिता की परियोजना से पांच साल में गांव गांव में हर फील्ड में कार्य पूरे होंगे. डेयरी से विपणन प्रबंध पौध कृषि पशुपालन मत्स्य पालन सहित अनेक बुनियादी कार्य किये जा रहे हैं.

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