देहरादून: राजधानी में आयोजित की गई आरटीए (रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी) की बैठक में निर्णय लिया गया है कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जितने भी सार्वजनिक वाहन हैं उनमें डस्टबिन और डस्ट बैग रखना अनिवार्य होगा. यानी अब आरटीओ विभाग द्वारा सार्वजनिक वाहनों के लिए परमिट में शर्त रखी जाएगी कि वो डस्टबिन अनिवार्य रूप से रखें. एक और शर्त रखी जाएगी कि सभी सार्वजनिक वाहनों में वीएलटीडी (व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस) लगाना अनिवार्य होगा, जिससे वाहनों की ट्रैकिंग परिवहन विभाग का हेड क्वार्टर से की जा सके.
10 साल पुराने विक्रम संचालकों को दिया समय: इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया कि 31 जनवरी तक विक्रम चालकों को टाटा मैजिक अप्लाई करने की अंतिम तिथि थी, लेकिन विक्रम चालकों के अनुरोध पर अंतिम तिथि को 31 मार्च तक वाहन खरीद के लिए बढ़ाया गया है. साथ ही 28 फरवरी तक विक्रम चालक आवेदन कर सकते हैं. बैठक के निर्णय के बाद अब 10 साल पुराने वाहन चालकों को एनजीटी के नियम अनुसार वाहन खरीदने के लिए 2 महीने का समय दिया गया है. बता दें कि अब तक आरटीओ विभाग में 600 से अधिक संचालकों के आवेदन आ चुके हैं.
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वहीं, कुछ विक्रम चालक सीएनजी किट लगाने का अनुरोध कर रहे थे, जिस पर आरटीए की बैठक ने निर्णय लिया कि परमिट की शर्तों के अनुसार सीएनजी किट लगाने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही जिस तरह से देहरादून में स्टेज कैरिज के लिए मार्ग चिन्हित किए गए हैं, ऐसे ही अब 28 फरवरी तक ऋषिकेश और हरिद्वार में भी ऐसे मार्गों का सर्वे किया जाएगा जहां पर विभाग द्वारा टाटा मैजिक या उस तरह की गाड़ियों को स्टेज कैरिज का परमिट दिया जाए ताकि आम जनता को ज्यादा से ज्यादा फायदा हो सके.
ई-रिक्शा प्लानिंग: शहर में चलने वाली ई-रिक्शा को लेकर भी निर्णय लिया गया है. ई-रिक्शा की प्लानिंग के लिए पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त टीम गठित की जाएगी जो यह अध्ययन करेगी कि ई-रिक्शा किन मार्गों पर संचालित किया जा सकता है. इस स्टडी के लिए टीम को एक महीने का समय दिया गया है.