चंपावत: उत्तराखंड रोडवेज परिवहन निगम की लोहाघाट डिपो वर्कशॉप अपनी बदहाली का रोना रो रहा है. वर्कशॉप में बने चारों भवन जर्जर हो गए हैं. ऐसे में यहां के कर्मचारी खौफ के साए में काम करने को मजबूर हैं. विभागीय उदासीनता के चलते ये भवन कभी भी जमींदोज हो सकता है.
बता दें कि साल 1989 में छमनियां लोहाघाट में बने इस वर्कशॉप में कुल चार भवन बने थे. इनमें सबसे पहले फोरमैन कक्ष, दूसरा डीजल कक्ष और स्टोर के अलावा मुख्य वर्कशॉप को टिन शेड में बनाया गया था. लेकिन अब वर्कशॉप के तीनों भवनों की छत के साथ-साथ दीवारों में भी दरारें पड़ गई हैं. बरसात के दिनों में तो हर कक्ष के भीतर अंदर पानी आना आम बात हो गई है. वहीं, बसों की मरम्मत के लिए इस्तेमाल किए जा रहे वर्कशॉप के ऊपर लगाई गई टिन शेड क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसके चलते हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है.
रोडवेज कर्मचारी यूनियन के डिपो मंत्री मनोज मिश्रा ने बताया कि बरसात के दौरान अक्सर छत के गिरने का डर लगा रहता है. वहीं, छत से टपकने वाले पानी के कारण कार्यालय में रखे रजिस्टर भी खराब हो गए हैं. ऐसे में वर्कशाप के भवनों की मरम्मत के साथ-साथ यहां पूर्ण स्टाफ की नियुक्ति भी जरूरी है. वहीं, बस मैकेनिक मनोज ने बताया कि बरसात के कारण छत से टपक रहे पानी से उनको करंट भी लग चुका है.
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डिपो एजीएम राजेंद्र कुमार आर्य ने बताया कि वर्कशॉप सहित चारों भवन जीर्णशीर्ण हो चुके हैं. सभी भवनों की छत और दीवारों से बारिश में पानी अंदर आता है. पुनर्निर्माण कार्य के लिए बजट मुख्यालय के द्वारा ही जारी किया जाता हैं. ऐसे में एक सप्ताह के भीतर वर्कशॉप के सभी भवनों की मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा.