चंपावत: पर्वतीय अंचलों में गर्मी की तपिश बढ़ते ही पानी की समस्या भी गहराने लगी है. गर्मी शुरू होते ही जिला मुख्यालय में पेयजल संकट गहरा गया है. जल संस्थान ने मंगलवार से टैंकरों से पानी का वितरण शुरू कर दिया है. पहले दिन सबसे अधिक पानी की किल्लत वाले इलाके जीआईसी रोड में टैंकर से पानी बांटा गया. वहीं जिला अस्पताल व रोडवेज में भी पानी का संकट गहराया हुआ है. वहां भी टैंकर से पानी सप्लाई किया जा रहा है.
जिला अस्पताल में पानी की आपूर्ति प्रभावित होने से साफ-सफाई नहीं हो पा रही है, जिससे मरीजों और तीमारदारों के साथ अस्पताल के स्टाफ को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.सीएमएस डॉ. आरके जोशी का कहना है कि बीते करीब एक हफ्ते से अस्पताल के नलों में पानी नहीं आ रहा है. अस्पताल में हर दिन चार हजार लीटर पानी की खपत होती है. इससे आंशिक रूप से व्यवस्था प्रभावित हुई है. अस्पताल प्रशासन के आग्रह के बाद जल संस्थान अब टैंकरों से पानी दे रहा है.
पढ़ें-कुंभ: राज्य सरकार की ओर से जारी SOP का संतों ने किया विरोध
वहीं जल संस्थान के अपर सहायक अभियंता परमानंद पुनेठा ने बताया कि जल स्रोत में जल स्तर कम होने से अस्पताल में पेयजल की आपूर्ति ठप है. इस कारण हर रोज दो टैंकर पेयजल आपूर्ति की जा रही है. साथ ही जल संस्थान का कहना है कि नगर क्षेत्र को पेयजल की आपूर्ति करने वाले रौखेत, छीड़ापानी, च्यूराखर्क सहित सभी छह जल स्रोतों में पानी की 40 से 65 प्रतिशत तक की कमी हो गई है. जबकि नगर को रोजाना 13.50 लाख लीटर पानी की जरूरत है, लेकिन उपलब्धता मात्र 4.50 लाख लीटर ही है. जिससे लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है.