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टनकपुर-जौलजीबी मार्ग को लेकर लोगों ने किया प्रदर्शन, सीएम को भेजा ज्ञापन - चंपावत कलेक्ट्रेट परिसर

टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट परिसर में धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री ज्ञापन भेजा.

Champawat Hindi News
चंपावत हिंदी न्यूज
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Published : Jun 8, 2020, 4:34 PM IST

टनकपुर: चंपावत जिले में टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों और जन प्रतिनिधियों ने कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा.

टनकपुर-जौलजीबी मार्ग को लेकर लोगों ने किया प्रदर्शन

ग्रामीणों का कहना है कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस टू-लेन सडक को केंद्र सरकार ने 2016 में स्वीकृति मिली थी. पहले चरण में ये 42 किमी सडक ठूलीगाड़ से रुपालीगाड़ तक बननी है. तीन साल से विवादों के कारण इस सड़क का काम अधर में लटका हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि आर्बिट्रेशन ने ठेकेदार को क्लीन चिट दे दी है. उसके बाद भी राजनैतिक द्वेषभाव के चलते सड़क का कार्य रुकवाने का काम किया जा रहा है. सीमांत तल्लादेश के विभिन्न गांवों के जन प्रतिनिधियों ने कहा कि मार्ग बनता तो इसका लाभ ग्रामीणों को मिलता.

पढ़ें- चारधाम यात्रा: चमोली, रुद्रप्रयाग के डीएम करेंगे हक-हकूकधारियों से विचार विमर्श

इस मामले में पूर्व बीडीसी सदस्य दिलीप सिंह महर का कहना है कि नेताओं की आपसी रंजिश का खामियाजा नेपाल सीमा से सटे गांवों की जनता को भुगतना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सड़क निर्माण की मांग की है.

टनकपुर: चंपावत जिले में टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण की मांग को लेकर ग्रामीणों और जन प्रतिनिधियों ने कलक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा.

टनकपुर-जौलजीबी मार्ग को लेकर लोगों ने किया प्रदर्शन

ग्रामीणों का कहना है कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस टू-लेन सडक को केंद्र सरकार ने 2016 में स्वीकृति मिली थी. पहले चरण में ये 42 किमी सडक ठूलीगाड़ से रुपालीगाड़ तक बननी है. तीन साल से विवादों के कारण इस सड़क का काम अधर में लटका हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि आर्बिट्रेशन ने ठेकेदार को क्लीन चिट दे दी है. उसके बाद भी राजनैतिक द्वेषभाव के चलते सड़क का कार्य रुकवाने का काम किया जा रहा है. सीमांत तल्लादेश के विभिन्न गांवों के जन प्रतिनिधियों ने कहा कि मार्ग बनता तो इसका लाभ ग्रामीणों को मिलता.

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इस मामले में पूर्व बीडीसी सदस्य दिलीप सिंह महर का कहना है कि नेताओं की आपसी रंजिश का खामियाजा नेपाल सीमा से सटे गांवों की जनता को भुगतना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सड़क निर्माण की मांग की है.

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