चंपावत/पिथौरागढ़/काशीपुरः उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों ने अपनी कई मांगों को लेकर बुधवार को राज्य के अनेक भागों में प्रदर्शन किया. रोडवेज कर्मियों का आरोप है कि सरकार लंबे समय से उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. साथ दी उनको नियमित वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे उनका परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया है. कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार वेतन संगतियों को लेकर गंभीर नहीं है. यदि जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
चंपावत में रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने वेतन, नई बसों को दुरुस्त करने की मांग और देहरादून में कार्यशाला की भूमि शहरी विकास को नियमानुसार न देने पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया.
शाखा मंत्री नरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में रोडवेज कर्मियों ने बस स्टेशन पर प्रदर्शन और नारेबाजी की. उन्होंने परिवहन निगम की हरिद्वार रोड देहरादून स्थित कार्याशाला की भूमि नियमानुसार शहरी विकास विभाग को हस्तांतरित करने, नई बसों में आ रही खामियों के कारण परिवहन निगम की छवि धूमिल होने पर जल्द बसों को दुरुस्त करने, समस्त कर्मचारियों को माह के प्रथम सप्ताह तक वेतन का भुगतान किए जाने, सेवानिवृत कर्मिकों की ग्रेच्युटी और नकदीकरण का तुरंत भुगतान किए जाने, राज्य सरकार के अन्य कार्मियों की तर्ज पर रोडवेज कर्मियों को भी आवास भत्ता दिए जाने की मांग की.
इस मौके पर नंदन भट्ट, नरेश सिंह करायत, रमेश लाल, केदार ओली, हरीश चन्द्र जोशी, मदन लाल, रजत श्रीवास्तव, कुशल वर्मा, गंगा सिंह, गोविंद देवी, कैलाश सिंह, नारायण सिंह, प्रकाश मुरारी आदि मौजूद रहे.
रोडवेज सम्पत्ति को निजी हाथों में देने का विरोध
रोडवेज कर्मचारियों ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर पिथौरागढ़ में भी जोरदार प्रदर्शन किया. रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें लम्बे समय से वेतन नहीं मिल रहा है. आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने रोडवेज सम्पत्ति को निजी हाथों में देने पर भी विरोध किया. कर्मचारियों का कहना है कि सरकार देहरादून और हरिद्वार के बसे अड्डे को बेचने जा रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
पिछले तीन माह से वेतन न मिलने से नाराज रोडवेज कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया. इस मौके पर उन्होंने निगम और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने कर्मचारियों का वेतन बंद कर उनके परिवार को सड़क पर ला दिया है.
कर्मचारियों ने कहा कि सरकार देहरादून और हरिद्वार के बस अड्डे को निजी हाथों में सौंपने जा रही है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. कर्मचारियों का कहना है कि निगम में जो नई बसें पिथौरागढ़ में भेजी हैं उसमें तमाम तकनीकी खामियां हैं, जिस कारण उनका संचालन नहीं हो पा रहा है. रोडवेज कर्मचारी संघ का कहना है कि नई बसों की खरीद फरोख्त में भारी पैमाने पर धांधली की गयी है. जिसकी जल्द से जल्द जांच की जाए.
बसों की खरीद फरोख्त में धांधली
काशीपुर रोडवेज डिपो में भी कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की. रोडवेज कर्मचारियों ने विशेष श्रेणी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने तथा निगम कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भांति आवास भत्ता दिए जाने संबंधित 5 सूत्रीय मांगों को लेकर रोडवेज परिसर में धरना प्रदर्शन किया.
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड की काशीपुर शाखा के सचिव अनवर कमाल के नेतृत्व में आयोजित धरना प्रदर्शन में दर्जनों कर्मचारियों ने भाग लिया. शाखा सचिव ने कहा कि रोडवेज की परिसंपत्तियों को बहुत कम दाम पर बेचे जाने पर संगठन में रोष व्याप्त है.
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कर्मचारियों के पसीने की गाढ़ी कमाई से खरीदी गई जमीनों को औने-पौने दामों में बेचा जा रहा है. उन्होंने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि यदि कोई संस्थान बेचा जाएगा तो संगठन आंदोलन को बाध्य होगा तो वहीं उन्होंने पिछले दिनों टाटा से खरीदी गईं 150 बसों की खरीद को लेकर लेकर भी गंभीर खड़े किए.
उन्होंने कहा कि नई बसों में खराबी आनी शुरू हो गई है. साथ ही इन वाहनों में कमीशन लेकर 2016 मॉडल की बसों को खरीद लिया गया है जिनके कलपुर्जों में जंग लगी हुई है. राज्य के अन्य भागों में भी रोडवेज कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया.