बनबसाः चंपावत जिले के बनबसा के बेलबंदगोठ में विगत चार पीढ़ियों से बसे लगभग 70 परिवारों को यूपी के कैनाल विभाग ने एक सप्ताह के भीतर अपने आशियाने खाली करने का फरमान जारी कर दिया है. फरमान जारी होने के बाद से ही बेलबंदगोठ के लोगों में हड़कंप मचा हुआ है. 70 परिवार के सैकड़ों लोगों ने अब उत्तराखंड सरकार से मदद की गुहार लगाते हुए आशियाना बचाने की मांग की है.
यूपी सिंचाई विभाग द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद प्रभावितों का कहना है कि कैनाल विभाग में हमारी पिछली कई पीढ़ी अंग्रेजों के जमाने से काम करती आई है. उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से लोग यहीं पर उत्तराखंड सरकार की मूलभूत सुविधाओं का उपयोग करते हुए रह रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता नेत्रपाल सिंह चौहान सहित तमाम लोगों का कहना है कि सन 1920 में शारदा बैराज का कार्य शुरू हुआ और 11 दिसंबर 1928 को बैराज का उद्घाटन हुआ. लगभग 103 वर्षों से इन परिवारों के पूर्वज यहीं पर रहते आए हैं. आज उनकी पीढ़ियां यहां रह रही है, जिन्हें कैनाल विभाग उत्तर प्रदेश ने हटने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है.
दरअसल, बेलबंदगोठ इलाका चंपावत के बनबसा क्षेत्र में आता है, जबकि शारदा बैराज का जिम्मा यूपी के कैनाल विभाग के पास है. उत्तराखंड के साथ ही यूपी में भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण ध्वस्तीकरण का अभियान जारी है. ऐसे में बेलबंदगोठ में रह रहे लोगों को यूपी कैनाल विभाग ने नोटिस जारी किया है. उधर अब प्रभावित लोगों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को ना उजाड़ने की गुहार लगाई है. नोटिस मिलने के बाद से लोग दहशत में हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक उनकी बस्ती में सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी, बिजली, सड़क सहित सभी सुविधाएं सरकार ने दी है. लोगों ने मुख्यमंत्री व स्थानीय विधायक पुष्कर सिंह धामी से मदद की गुहार लगाई है.
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