चंपावत: देवीधुरा की ख्याति पूरे विश्व में बग्वाल मेले के लिए है. लेकिन मां बाराही के मंदिर में रखी एक ताम्र पेटी अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए हैं. बग्वाल के दूसरे दिन मां बाराही की मूर्ति को मुख्य मंदिर से मुच्कन्द ऋषि के आश्रम लाया गया. जोकि उनका ससुराल भी है. इस शोभा यात्रा में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए.
बता दें कि मुख्य मंदिर में तांबे की पेटी में मां बाराही देवी की मूर्ति है. हर साल भाद्रपद कृष्ण प्रतिपदा को बागड़ जाती के क्षत्रीय वंशज द्वारा ताम्र पेटिका को मुख्य मंदिर से नंद घर लाया जाता है. जहां आंखों में पट्टी बांध कर मां का स्नान कर श्रृंगार किया जाता है और माता की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है.
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वहीं, पीठाचार्य भुवन बल्लभ शास्त्री की माने तो ताम्र पेटिका में मां की बिना वस्त्र वाली मूर्ति रखी है. जिसे अगर कोई खुली आंखों से देख लेता हो तो उसकी आंखों की रोशनी चली जाती है.