चंपावतः पर्वतीय क्षेत्रों में नीली क्रांति योजना के तहत किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से ठंडे पानी (शीत जल) की मछली के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से चंपावत के छीड़ापानी में स्थित राष्ट्रीय शीतजल मत्स्यकी अनुसंधान संस्थान मेंं ठंडे पानी की रेनबो ट्राउट मछली की ग्रोथ और उत्पादन बढ़ाने पर शोध कार्य किया जा रहा है. करीब तीन महीने तक चलने वाले इस अनुसंधान के सफल रहने पर उसका पेटेंट कराया जाएगा.
संस्थान के प्रभारी डॉ. किशोर कुणाल ने बताया कि चंपावत जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में बहने वाले नदी-नालों में रेनबो ट्राउट प्रजाति को बढ़ावा देने के लिए ठंडे पानी में शोध किया जा रहा है. जिसके तहत 15 दिसंबर तक तीन महीने तक विश्लेषणीकरण का कार्य किया जा रहा है. अनुसंधान के उचित परिणाम निकलने के बाद इसका पेटेंट किया जाएगा.
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1000 से 2500 रुपये प्रति किलो रेनबो ट्राउट मछली की कीमत
संस्थान के प्रभारी ने बताया कि रेनबो ठंडे पानी की विदेशी प्रजाति की मछली है. जो 10 से 15 डिग्री सेल्शियस तापमान पर पाई जाती हैं. बाजार में रेनबो ट्राउट मछली की मांग दिनोंदिन बढ़ रही है. इसका बाजार मूल्य 1000 से 2500 रुपये प्रति किलोग्राम तक है. जिसे देखते हुए मत्स्य अनुसंधान केंद्र छीड़ापानी की ओर से रेनबो ट्राउट प्रजाति की ग्रोथ बढ़ाने पर कार्य किया जा रहा है. जो किसानों की आय दोगुनी करने में सहायक होगा.