हल्द्वानीः चंपावत सड़क हादसे में 14 लोगों की असमय ही मौत हो गई थी. इस हादसे में सिर्फ दो लोग ही जिंदा बच पाए. अब इस हादसे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में प्रथम दृष्टया पाया गया है कि दुर्घटनाग्रस्त मैक्स वाहन में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई गई थी. इसके अलावा वाहन का इंश्योरेंस भी खत्म हो चुका था. ऐसे में अगर इंश्योरेंस खत्म हुआ तो मृतक के परिजनों को क्लेम की लिए मुश्किलें हो सकती हैं.
गौर हो कि 21 फरवरी सोमवार रात को टनकपुर से मैक्स वाहन रीठा साहिब जा रही थी. तभी चंपावत के सूखीढांग-डांडामीनार रोड पर हादसे का शिकार हो गया. जहां मैक्स सीधे खाई में गिर गई थी. हादसे के दौरान गाड़ी में ड्राइवर समेत 16 लोगों मौजूद थे, जिसमें 14 की मौके पर ही मौत हो गई थी. जबकि, 2 लोग घायल हो गए थे. अब जांच में कई खुलासे हुए हैं.
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जानकारी के मुताबिक, 14 लोगों को काल बना बोलेरो वाहन संख्या UK 04 TA 4712 मॉडल 2013 चंपावत निवासी नरेंद्र सिंह के नाम पर चंपावत परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड है. हादसे में चालक के जीवित बच जाना भी सवाल खड़े कर रहा है. परिवहन विभाग में रजिस्टर्ड इस वाहन की सीटों की क्षमता 9 है. जबकि वाहन में ओवरलोड सवारी बैठाई गई थी. इसके अलावा वाहन का बीमा 19 फरवरी 2022 को समाप्त हो गया था.
क्या बोले आरटीओ? एआरटीओ चंपावत सुरेंद्र कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. परिवहन सॉफ्टवेयर में वाहन का इंश्योरेंस समाप्त होना दिखाया गया है, लेकिन कई बार सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होते हैं. सभी पहलू पर पर जांच की जा रही है. फिलहाल, वाहन का फिटनेस और परमिट रिन्यूअल था. हालांकि, अभी थर्ड पार्टी की जानकारी जुटाना बाकी है.
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मृतकों के परिजनों को क्लेम लेने में हो सकती है परेशानीः एडवोकेट गौरव कपूर का कहना है कि मृतक के परिजन क्लेम की दवा के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन अगर वाहन का इंश्योरेंस नहीं हुआ तो परिजनों को क्लेम लेने में काफी कठिनाई उठानी पड़ेगी. ऐसे में सभी वाहन स्वामी के खिलाफ क्लेम की कार्रवाई हो सकती है.