ETV Bharat / state

Champawat Forest Fire: NGT ने उत्तराखंड सरकार को दिए जरूरी दिशा निर्देश - उत्तराखंड सरकार को निर्देश

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को चंपावत फॉरेस्ट डिवीजन (Champawat Forest Fire) में हाल ही में लगी जंगल की आग में प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास और प्रभावित क्षेत्र की बहाली के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

Champawat Forest Fire
चंपावत के जंगलों में लगी आग का मामला
author img

By

Published : May 4, 2022, 11:51 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चंपावत जिले में हाल में हुई वनाग्नि की घटनाओं (Champawat Forest Fire) को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिए हैं. एनजीटी (National Green Tribunal) ने उत्तराखंड सरकार को जंगल की आग में प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास और प्रभावित क्षेत्र की बहाली के लिए उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

एनजीटी (NGT) अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने 29 अप्रैल को पारित एक आदेश में कहा, ''हम सचिव वन उत्तराखंड को मीडिया रिपोर्ट में उल्लिखित आग की घटना को देखने और पुनर्वास के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश देना उचित समझते हैं. राज्य के पास उपलब्ध कैम्पा निधियों का उपयोग करते हुए, वर्तमान योजनाओं के अनुसार प्रभावित व्यक्तियों की और प्रभावित क्षेत्र की बहाली करें".
पढ़ें- रामनगर में कालागढ़ रेंज के आबादी क्षेत्र में दिखा बाघ, ग्रामीणों में डर का माहौल

ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा, "हमने मीडिया में रिपोर्ट के अनुसार मामले पर विचार किया है. हमारा विचार है कि आग पर काबू पाने और भविष्य में आग को रोकने के लिए उपचारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है. प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास और बहाली की भी आवश्यकता है.

एनजीटी ने आगे कहा कि संकट प्रबंधन, पुनर्वास और बहाली के माध्यम से इस तरह की जंगल की आग को रोकने और नियंत्रित करने के लिए मानदंड मौजूद हैं. "निवारक उपायों में अलर्ट सिस्टम, जागरूकता पैदा करना, निगरानी और मॉक ड्रिल शामिल हैं. वन की आग पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPFF) को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अपनाया गया है, जो जंगल की आग को रोकने और नियंत्रित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों को निर्धारित करता है.

उक्त मीडिया रिपोर्ट के आलोक में इस मामले को उठाया गया है कि 27 अप्रैल को उत्तराखंड के चंपावत संभाग में जंगल में आग लगी है. जिससे पर्यावरण और जैव विविधता सहित क्षेत्र के निवासियों और जानवरों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि भिगराडा, देवीधुरा वन और सकेडना, मछियाड, पूर्वी तल्लापाल वेलून जिन्हें उपचारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है वहां उचित कदम उठाए जाएं.

देहरादून: उत्तराखंड के चंपावत जिले में हाल में हुई वनाग्नि की घटनाओं (Champawat Forest Fire) को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने उत्तराखंड सरकार को निर्देश दिए हैं. एनजीटी (National Green Tribunal) ने उत्तराखंड सरकार को जंगल की आग में प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास और प्रभावित क्षेत्र की बहाली के लिए उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

एनजीटी (NGT) अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने 29 अप्रैल को पारित एक आदेश में कहा, ''हम सचिव वन उत्तराखंड को मीडिया रिपोर्ट में उल्लिखित आग की घटना को देखने और पुनर्वास के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश देना उचित समझते हैं. राज्य के पास उपलब्ध कैम्पा निधियों का उपयोग करते हुए, वर्तमान योजनाओं के अनुसार प्रभावित व्यक्तियों की और प्रभावित क्षेत्र की बहाली करें".
पढ़ें- रामनगर में कालागढ़ रेंज के आबादी क्षेत्र में दिखा बाघ, ग्रामीणों में डर का माहौल

ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा, "हमने मीडिया में रिपोर्ट के अनुसार मामले पर विचार किया है. हमारा विचार है कि आग पर काबू पाने और भविष्य में आग को रोकने के लिए उपचारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है. प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास और बहाली की भी आवश्यकता है.

एनजीटी ने आगे कहा कि संकट प्रबंधन, पुनर्वास और बहाली के माध्यम से इस तरह की जंगल की आग को रोकने और नियंत्रित करने के लिए मानदंड मौजूद हैं. "निवारक उपायों में अलर्ट सिस्टम, जागरूकता पैदा करना, निगरानी और मॉक ड्रिल शामिल हैं. वन की आग पर राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPFF) को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अपनाया गया है, जो जंगल की आग को रोकने और नियंत्रित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों को निर्धारित करता है.

उक्त मीडिया रिपोर्ट के आलोक में इस मामले को उठाया गया है कि 27 अप्रैल को उत्तराखंड के चंपावत संभाग में जंगल में आग लगी है. जिससे पर्यावरण और जैव विविधता सहित क्षेत्र के निवासियों और जानवरों के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कहा कि भिगराडा, देवीधुरा वन और सकेडना, मछियाड, पूर्वी तल्लापाल वेलून जिन्हें उपचारात्मक कार्रवाई की आवश्यकता है वहां उचित कदम उठाए जाएं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.