चंपावत: उत्तराखंड के लोहाघाट से भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल अब अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है. मामला टनकपुर-जौलजीबी सड़क से जुड़ा हुआ है. टनकपुर-जौलजीबी रोड के मामले में ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी के पक्ष में आए ऑर्बिटेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील न किए जाने पर अपनी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इसके साथ ही लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अब सरकार के खिलाफ लेटर बम फोड़ा है.
उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भेज उत्तराखंड की सियासी खलबली मचा दी है. विधायक ने पत्र में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि सरकार भले ही अपने विश्वास और जीरो टॉरलेंस की छवि को खत्म कर सकती है, मगर वे अपनी छवि खराब नहीं कर सकते हैं.
उन्होंने लिखा है कि सरकार के कृत्य को लेकर जनता जो सवाल दाग रही है, उनके जवाब देना मुश्किल हो रहा है. विधायक ने ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने और कंपनी को काली सूची में डाले जाने और उसके खिलाफ न्यायालय में अपील किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर ऐसा करती है तभी पार्टी की साख बचेगी. विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने बीते 24 अगस्त को लिखा है.
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टनकपुर-जौलजीबी सड़क को लेकर ऑर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल ने ठेकेदार के पक्ष में निर्णय दिया था. विधायक फर्त्याल ने सीएम को पत्र भेज ऑर्बिट्रेशन के फैसले के खिलाफ कोर्ट में अपील करने की मांग उठाई थी, मगर सरकार ने सामरिक महत्व का हवाला देते हुए कोर्ट जाने से इनकार कर दिया था और कुछ शर्तों के साथ पुराने ठेकेदार को ही सड़क निर्माण का जिम्मा दे दिया था. तब से विधायक फर्त्याल सरकार से बेहद खफा हैं.
विधायक फर्त्याल ने बीते 24 अगस्त को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भेजा है. पत्र में टीजे रोड में अब तक ठेकेदार के खिलाफ क्या-क्या मामले चले और क्या कार्रवाई हुई, उसके बारे में विस्तार से लिखा गया है. उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से सड़क के टेंडर को हथियाने के लिए भ्रष्टाचार हुआ था और उनकी शिकायत पर ही टेंडर की जांच हुई थी. जिसकी वजह से प्रदेश में सरकार की छवि धूमिल हुई है.
विधायक का कहना है कि सामरिक महत्व और अन्य कारणों का हवाला देते हुए सरकार ने पुराने ठेकेदार को ही सड़क बनाने का जिम्मा दे दिया है. पत्र में विधायक ने स्पष्ट लिखा है कि इस निर्णय से उनका अपनी ही सरकार से भरोसा खत्म सा हो रहा है.