चंपावत: 'कर चले हम फिदा जानो-तन साथियों'...उर्दू के अज़ीम शायर कैफी आज़मी के गीत की वो चंद लाइनें चंपावत के कनल गांव में आज हर किसी को रह रह कर याद आईं. जब तिरंगे में लिपटा देश के वीर राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर आंतिम यात्रा पर निकला. हजारों नम आंखें शहीद राहुल रैंसवाल को अंतिम विदाई दे रही थी. हर जुबां पे बस एक ही नारा था 'जब तक सूरज चांद रहेगा, राहुल तेरा नाम रहेगा...'
25 साल के राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर जब अपनी अंतिम यात्रा पर निकाला तो उनके अंतिम दर्शनों के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. देवभूमि के वीर सपूत को आखिरी विदाई दे रहीं हजारों आंखें छलककर उस क्षण की गवाह बन रहीं थीं.
दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर का डिप्टेश्वर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. रिश्ते के दादा जय सिंह और राजेंद्र सिंह ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी.
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, लोहाघाट विधायक पूरन फर्त्याल, चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी मौजूद रहे. सेना के जवानों ने फायरिंग कर उनको सलामी दी. शहीद के अंतिम संस्कार की गवाह बन रही हजारों आंखें छलक उठीं. स्थानीय लोगों ने चंपावत डिग्री कॉलेज को शहीद के नाम पर रखे जाने की मांग की है. वहीं, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि बन पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि शहीद के परिवार को हर संभव मदद की जाएगी. सरकार उनके परिवार से लगातार संपर्क में है.
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बता दें, शहीद राहुल का परिवार तीन पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहा है. राहुल ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिए. ऐसे में चंपावत सहित पूरा उत्तराखंड गर्व महसूस कर रहा है. राहुल की शहादत से लोगों में आक्रोश भी है और लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को समय रहते सबक सिखाया जाए.