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शहादत को सलामः शहीद राहुल को पिता ने दिया कंधा तो रो पड़ा पूरा गांव

पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए उत्तराखंड के जांबाज 25 वर्षीय राहुल रैंसवाल का आज चंपावत स्थित कनल गांव में अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान राहुल के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. शहीद के चाचा और बड़े भाई राजेंद्र रैंसवाल ने शहीद के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी. शहादत काे सलाम: शहीद सौरभ कटारा को जब नवविवाहित पत्नी ने कंधा दिया तो रो पड़ा पूरा गांव

champawat news
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Published : Jan 23, 2020, 5:38 PM IST

Updated : Jan 23, 2020, 8:22 PM IST

चंपावत: 'कर चले हम फिदा जानो-तन साथियों'...उर्दू के अज़ीम शायर कैफी आज़मी के गीत की वो चंद लाइनें चंपावत के कनल गांव में आज हर किसी को रह रह कर याद आईं. जब तिरंगे में लिपटा देश के वीर राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर आंतिम यात्रा पर निकला. हजारों नम आंखें शहीद राहुल रैंसवाल को अंतिम विदाई दे रही थी. हर जुबां पे बस एक ही नारा था 'जब तक सूरज चांद रहेगा, राहुल तेरा नाम रहेगा...'

शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब.

25 साल के राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर जब अपनी अंतिम यात्रा पर निकाला तो उनके अंतिम दर्शनों के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. देवभूमि के वीर सपूत को आखिरी विदाई दे रहीं हजारों आंखें छलककर उस क्षण की गवाह बन रहीं थीं.

दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर का डिप्टेश्वर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. रिश्ते के दादा जय सिंह और राजेंद्र सिंह ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी.

martyr rahul rainswal
शहीद को नम आंखों से दी विदाई.

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, लोहाघाट विधायक पूरन फर्त्याल, चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी मौजूद रहे. सेना के जवानों ने फायरिंग कर उनको सलामी दी. शहीद के अंतिम संस्कार की गवाह बन रही हजारों आंखें छलक उठीं. स्थानीय लोगों ने चंपावत डिग्री कॉलेज को शहीद के नाम पर रखे जाने की मांग की है. वहीं, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि बन पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि शहीद के परिवार को हर संभव मदद की जाएगी. सरकार उनके परिवार से लगातार संपर्क में है.

पढ़ें- सारी गांव के लोगों ने भगवान तुंगनाथ को नम आंखों से किया विदा, करोखी गांव में हुआ भव्य स्वागत

बता दें, शहीद राहुल का परिवार तीन पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहा है. राहुल ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिए. ऐसे में चंपावत सहित पूरा उत्तराखंड गर्व महसूस कर रहा है. राहुल की शहादत से लोगों में आक्रोश भी है और लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को समय रहते सबक सिखाया जाए.

चंपावत: 'कर चले हम फिदा जानो-तन साथियों'...उर्दू के अज़ीम शायर कैफी आज़मी के गीत की वो चंद लाइनें चंपावत के कनल गांव में आज हर किसी को रह रह कर याद आईं. जब तिरंगे में लिपटा देश के वीर राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर आंतिम यात्रा पर निकला. हजारों नम आंखें शहीद राहुल रैंसवाल को अंतिम विदाई दे रही थी. हर जुबां पे बस एक ही नारा था 'जब तक सूरज चांद रहेगा, राहुल तेरा नाम रहेगा...'

शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब.

25 साल के राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर जब अपनी अंतिम यात्रा पर निकाला तो उनके अंतिम दर्शनों के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. देवभूमि के वीर सपूत को आखिरी विदाई दे रहीं हजारों आंखें छलककर उस क्षण की गवाह बन रहीं थीं.

दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए राहुल रैंसवाल का पार्थिव शरीर का डिप्टेश्वर घाट पर सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. रिश्ते के दादा जय सिंह और राजेंद्र सिंह ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी.

martyr rahul rainswal
शहीद को नम आंखों से दी विदाई.

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, लोहाघाट विधायक पूरन फर्त्याल, चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी मौजूद रहे. सेना के जवानों ने फायरिंग कर उनको सलामी दी. शहीद के अंतिम संस्कार की गवाह बन रही हजारों आंखें छलक उठीं. स्थानीय लोगों ने चंपावत डिग्री कॉलेज को शहीद के नाम पर रखे जाने की मांग की है. वहीं, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि बन पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि शहीद के परिवार को हर संभव मदद की जाएगी. सरकार उनके परिवार से लगातार संपर्क में है.

पढ़ें- सारी गांव के लोगों ने भगवान तुंगनाथ को नम आंखों से किया विदा, करोखी गांव में हुआ भव्य स्वागत

बता दें, शहीद राहुल का परिवार तीन पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहा है. राहुल ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिए. ऐसे में चंपावत सहित पूरा उत्तराखंड गर्व महसूस कर रहा है. राहुल की शहादत से लोगों में आक्रोश भी है और लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को समय रहते सबक सिखाया जाए.

Intro: sammry- शहीद राहुल रेंसवाल पंचतत्व में विलीन बड़े भाई और चाचा ने दी मुखाग्नि।(wrap से उठाये) एंकर-कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड के चंपावत के रहने वाले वीर सपूत राहुल रैसवाल आज उनके पार्थिव शरीर के आवास पहुंचा जहां टिपेश्वर धाम मे सैनिक सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य लोहाघाट विधायक पूरन फर्त्याल चंपावत विधायक कैलाश गहतोड़ी मौजूद रहे। शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान लोगों के आंखों से आंसू छलक उठे। सेना के जवानों ने फायरिंग कर उनको सलामी दी। पूरे शहर में गम गम ही का माहौल हो गया। पार्थिव शरीर के पहुंचते ही शहीद की मां रहू देवीऔर पत्नी पिंकी बेसुध हो गई। वहीं स्थानीय लोगों ने चंपावत डिग्री कॉलेज को शहीद के नाम पर रखे जाने की मांग की है।


Body:उत्तराखंड के लाल शहीद राहुल रेनवाल के अंतिम के दौरान चंपावत में पूरा बाजार बंद रहा तो वही टैक्सी संचालन भी बंद रहा हजारों की संख्या में लोगों ने उनको श्रद्धांजलि दी और नम आंखों से विदा किया। शाहिद का पार्थिव शरीर चंपावत जिले के रियासीबमन गांव से से चला तो पूरे चंपावत में मातम का माहौल बन गया। शहीद को उनके बड़े भाई राजेंद्र रैसवाल और चाचा ने मुखाग्नि दी। वही मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि बन पहुंचे कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने कहा है कि शहीद के परिवार को हर संभव मदद किया जाएगा सरकार उनके परिवार से लगातार संपर्क में है। और इस दुख की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि चंपावत महाविद्यालय का नाम शहीद के नाम पर रखे जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री से अवगत कराकर इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। बाइट-यशपाल आर्या कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड


Conclusion: शहीद राहुल का परिवार तीन पीढ़ियों से देश की सेवा कर रहा है और राहुल ने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों को न्योछावर किया है ऐसे में चंपावत सहित पूरा उत्तराखंड गर्व महसूस कर रहा है। शहीद की शहादत से लोगों में आक्रोश भी है और लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि पाकिस्तान को समय रहते सबक सिखाया जाए।
Last Updated : Jan 23, 2020, 8:22 PM IST
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