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लोहाघाट सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, स्थानीय लोगों में आक्रोश

उत्तराखंड में स्वास्थ्य महकमे की बदहाल हालत किसी से छिपी नहीं है. कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है तो कहीं दवाएं और संसाधन. ऐसे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहाघाट की बदहाल हालत को लेकर एक बार फिर स्थानीय लोगों ने मोर्चा खोल दिया है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहाघाट.
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Published : Nov 22, 2019, 7:39 PM IST

लोहाघाट: उत्तराखंड में स्वास्थ्य महकमे की बदहाल हालत किसी से छिपी नहीं है. कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है तो कहीं दवाएं और संसाधन. वहीं, सुदूर जनपद पिथौरागढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहाघाट का भी यही आलम है. ऐसे में अस्पताल की बदहाली को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती की मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

बता दें कि वर्तमान में सीएचसी में कहने को 8 डॉक्टर है, जिसमें केवल चार ही यहां स्थाई सेवाएं देते हैं. इसके अलावा चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मजीत सिंह, लधियाघाटी टांण अस्पताल में जबकि तीन अन्य डॉक्टर पुलहिंडोला अस्पताल में संबद्ध हैं. जो कभी कभार आकर लोहाघाट में भी सेवाएं देते हैं. वहीं, अस्पातल में हड्डी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, एक्स-रे तकनीशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ और निश्चेतक आदि के पद खाली पड़े हैं.

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोहाघाट में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल.

इस मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद वर्मा ने कहा कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर के अलावा दवाएं और सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में कई बार उनकी ओर से सीएमओ से विशेषज्ञ डाक्टर की मांग की जा चुकी है, लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. वहीं, नगर व्यापार मंडल के लोगों ने कहा विधानसभा लोहाघाट का सबसे बड़ा ओपीडी वाला अस्पताल महज रेफर सेंटर बन गया है. इस अस्पताल में नगर क्षेत्र के अलावा पंचेश्वर, सिमलखेत, रीठा साहिब आदि से मरीज उपचार के लिए आते हैं.

ये भी पढ़ें: मसूरी: माल रोड पर अतिक्रमण के खिलाफ एसडीएम सख्त, व्यापारियों को थमाया नोटिस

वहीं,अस्पताल में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के न होने के कारण हड्डी समस्या को लेकर आने वाले मरीजों को चम्पावत और हल्द्वानी का रुख करना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती नहीं की जाती है तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

लोहाघाट: उत्तराखंड में स्वास्थ्य महकमे की बदहाल हालत किसी से छिपी नहीं है. कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है तो कहीं दवाएं और संसाधन. वहीं, सुदूर जनपद पिथौरागढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहाघाट का भी यही आलम है. ऐसे में अस्पताल की बदहाली को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती की मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

बता दें कि वर्तमान में सीएचसी में कहने को 8 डॉक्टर है, जिसमें केवल चार ही यहां स्थाई सेवाएं देते हैं. इसके अलावा चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मजीत सिंह, लधियाघाटी टांण अस्पताल में जबकि तीन अन्य डॉक्टर पुलहिंडोला अस्पताल में संबद्ध हैं. जो कभी कभार आकर लोहाघाट में भी सेवाएं देते हैं. वहीं, अस्पातल में हड्डी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, एक्स-रे तकनीशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ और निश्चेतक आदि के पद खाली पड़े हैं.

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोहाघाट में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल.

इस मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद वर्मा ने कहा कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर के अलावा दवाएं और सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में कई बार उनकी ओर से सीएमओ से विशेषज्ञ डाक्टर की मांग की जा चुकी है, लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. वहीं, नगर व्यापार मंडल के लोगों ने कहा विधानसभा लोहाघाट का सबसे बड़ा ओपीडी वाला अस्पताल महज रेफर सेंटर बन गया है. इस अस्पताल में नगर क्षेत्र के अलावा पंचेश्वर, सिमलखेत, रीठा साहिब आदि से मरीज उपचार के लिए आते हैं.

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वहीं,अस्पताल में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के न होने के कारण हड्डी समस्या को लेकर आने वाले मरीजों को चम्पावत और हल्द्वानी का रुख करना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती नहीं की जाती है तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.

Intro:अस्पताल की व्यवस्थाएं न सुधरने पर दी आंदोलन की चेतावनी
- पहले विधायक और डीएम को ज्ञापन दिया जाएगा। व्यवस्थाएं न सुधारने पर किया जाएगा आंदोलन।
लोहाघाट। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोहाघाट की बदहाल हालत पर एक बार फिर से नगर के लोगों में आक्रोश फैल गया है। जिले के सबसे ज्यादा ओपीडी वाले अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर की मांग पूरी न होने पर लोगों ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है।

Body:वर्तमान में सीएचसी में कहने को 8 डाक्टर हैं। इनमें केवल चार डाक्टर स्थाई हैं। जिसमें रेडियोलाजिस्ट डॉ. एलएम रखोलिया, डॉ. रविन्द्र बोहरा, डॉ. चित्रलेखा और डॉ. सोनाली मंडल स्थाई हैं। Conclusion:इसके अलावा चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मजीत सिंह लधियाघाटी टांण अस्पताल में संबद्ध, डॉ. जुनैद बाराकोट में, डॉ. जितेन्द्र चौमेल में और डॉ. अमित पुलहिंडोला में संबद्ध हैं। जो लोहाघाट में भी सेवाएं देते हैं। अस्पातल में हड्डी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, एक्सरे तकनीशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ और निश्चेतक आदि के पद खाली हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद वर्मा ने कहा कि अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर के अलावा जरुरी दवाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। उनकी ओर से कई बार सीएमओ से विशेषज्ञ डाक्टर की मांग की जा चुकी है, लेकिन समाधान नहीं हो पाया। नगर व्यापार मंडल सतीश मुरारी,राजेन्द्र पुनेठा, प्रमोद गहतोड़ी, विवेक ओली, ब्रजेश माहरा, राज किशोर साह, नवल कुमार, अन्नू साह आदि ने कहा विधानसभा लोहाधाट का सबसे बड़ा ओपीडी वाला अस्पताल रेफर सेंटर बन गया है। इस अस्पताल में नगर क्षेत्र के अलावा पंचेश्वर, सिमलखेत, रीठा साहिब आदि से मरीज उपचार के लिए आते हैं। हड्डी टूटने पर घायलों के साथ तीमारदारों को भी चम्पावत, हल्द्वानी आदि का रुख करना पड़ रहा है। लोगों ने कहा कि वह पहले एक बार डीएम को अस्पताल की बदहाल स्थित से अवगत करवाते हैं। अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो दिन तय करने के बाद जनता के साथ उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।
::::कोट::::
लोहाघाट सीएचसी में अभी स्थाई 4 डाक्टर के अलावा चार डाक्टर संबद्ध हैं। जिनकों अपने क्षेत्रों में भी सेवाएं देनी पड़ रही है। शासन से लोहाघाट सीएचसी को सब जिला अस्पताल बनाने का जीओ आ गया है। एक या दो महीने के अंदर अस्पताल में विशेषज्ञ डाक्टर भी आने की उम्मीद है।
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--बाइट 1 गोविंद वर्मा, नगर पंचायत अध्यक्ष
- बाइट 2 सतीश मुरारी, व्यापार मंडल कोषाध्यक्ष।
--बाइट 3 डॉ. मंजीत सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, सीएचसी लोहाघाट।
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