लोहाघाट: उत्तराखंड में स्वास्थ्य महकमे की बदहाल हालत किसी से छिपी नहीं है. कहीं अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है तो कहीं दवाएं और संसाधन. वहीं, सुदूर जनपद पिथौरागढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोहाघाट का भी यही आलम है. ऐसे में अस्पताल की बदहाली को लेकर लोगों में भारी आक्रोश है. उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती की मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.
बता दें कि वर्तमान में सीएचसी में कहने को 8 डॉक्टर है, जिसमें केवल चार ही यहां स्थाई सेवाएं देते हैं. इसके अलावा चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मजीत सिंह, लधियाघाटी टांण अस्पताल में जबकि तीन अन्य डॉक्टर पुलहिंडोला अस्पताल में संबद्ध हैं. जो कभी कभार आकर लोहाघाट में भी सेवाएं देते हैं. वहीं, अस्पातल में हड्डी रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन, एक्स-रे तकनीशियन, स्त्री रोग विशेषज्ञ और निश्चेतक आदि के पद खाली पड़े हैं.
इस मामले में नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद वर्मा ने कहा कि अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर के अलावा दवाएं और सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. ऐसे में कई बार उनकी ओर से सीएमओ से विशेषज्ञ डाक्टर की मांग की जा चुकी है, लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. वहीं, नगर व्यापार मंडल के लोगों ने कहा विधानसभा लोहाघाट का सबसे बड़ा ओपीडी वाला अस्पताल महज रेफर सेंटर बन गया है. इस अस्पताल में नगर क्षेत्र के अलावा पंचेश्वर, सिमलखेत, रीठा साहिब आदि से मरीज उपचार के लिए आते हैं.
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वहीं,अस्पताल में ऑर्थोपेडिक डॉक्टर के न होने के कारण हड्डी समस्या को लेकर आने वाले मरीजों को चम्पावत और हल्द्वानी का रुख करना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती नहीं की जाती है तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.