चंपावतः कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत आज चंपावत जिले के भारत नेपाल बॉर्डर पर स्थित बनबसा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सूखा बंदरगाह यानी ड्राई पोर्ट के निर्माण कार्यों का जायजा लिया. साथ ही 177 करोड़ की लागत से बन रहे फोरलेन सड़क निर्माण का काम भी देखा. इसके बाद दीपक रावत ने चंपावत डीएम नरेंद्र सिंह भंडारी और अन्य विभागों के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कुमाऊं कमिश्नर गतिशील योजनाओं के बारे में जानकारी ली और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.
दरअसल, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत आज एकदिवसीय भ्रमण के तहत चंपावत जिले के टनकपुर और बनबसा क्षेत्र पहुंचे. यहां सबसे पहले उन्होंने चंपावत के बनबसा क्षेत्र में निर्माणाधीन भारत नेपाल सूखा बंदरगाह (ड्राई पोर्ट) का बारीकी से निरीक्षण किया. इसके बाद नेपाल सीमा से बनबसा तक बन रही फोरलेन सड़क का भी जायजा लिया. वहीं, कमिश्नर रावत तमाम कार्यों का निरीक्षण करने के बाद टनकपुर पावर स्टेशन के अति विशिष्ट अतिथि गृह पहुंचे. यहां उन्होंने डीएम समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर क्षेत्र के विकास से जुड़ी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की.
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वहीं, कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि भारत और नेपाल के बीच करीब 177 करोड़ की लागत से फोरलेन हाईवे का निर्माण होना है, जो एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. जिससे दोनों देशों के बीच आवाजाही आसान हो जाएगी. उन्होंने कहा कि यहां ड्राई पोर्ट का निर्माण होना है. जिसे साल 2024 जुलाई महीने तक पूरा किया जाना है. इससे आने वाले समय में स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही यह प्रोजेक्ट भारत और नेपाल के लिए इकोनॉमिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.