चंपावत: कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना से लड़ाई में आशा वर्कर्स भी मुख्य भूमिका निभा रही हैं, लेकिन वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मोर्चे पर आशा वर्कर्स को मास्क और सैनिटाइजर भी नहीं मिल पा रहा है.
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के सारे काम, जनता के बीच में कोरोना वायरस के बारे में जन जागरुकता फैलाना, कोई भी व्यक्ति बाहर से आता है तो उसको चेकअप के लिए अस्पताल लेकर जाना आशाओं का कार्य है. आशा वर्कर्स को न तो कोई सुरक्षा किट, न मास्क, न सैनिटाइजर उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
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यही नहीं इतना काम करने के बाद भी आशाओं को कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है. बता दें कि जिले में वर्तमान में 379 आशा वर्कर्स दो हजार रुपये प्रतिमाह के मानदेय पर अपनी सेवाएं दे रही हैं.