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शीला देवी मंदिर में पशु बलि पर प्रतिबंध, शराब पीकर आने पर 5 हजार जुर्माना - शीला देवी मंदिर चंपवात न्यूज

चंपावत के शीला देवी मंदिर में मन्नत पूरी होने पर पशु बलि देने की प्रथा थी. इस पर मंदिर समिति ने पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है.

Sheela Devi temple Champawat
शीला देवी मंदिर चंपावत.
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Published : May 27, 2021, 4:30 PM IST

Updated : May 27, 2021, 5:01 PM IST

चंपावत: जिले के लधियाघाटी क्षेत्र के शीला देवी मंदिर समिति ने एक अच्छी पहल करते हुए पशु बलि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं शराब पीकर मंदिर में आने वालों पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में माता को समर्पित करते हुए किसी भी प्रकार के पेड़-पौधों के काटने पर भी प्रतिबंध लगाने के साथ जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया है.

पढ़ें- COVID VACCINE: भ्रांति के कारण टीका नहीं लगवा रहे वनराजी जनजाति के लोग

मंदिर समिति के अध्यक्ष दीवान सिंह बडेला और सदस्य नवीन सिंह भंडारी ने बताया कि समिति की ओर से मंदिर में मनौती पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं की ओर से दी जाने वाली पशु बलि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. मान्यता है कि शीला देवी मां भगवती के रूप में से ही एक हैं. यहां मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए लोग पशु बलि दिया करते थे. यहां बड़ी संख्या में पशु बलि हुआ करती थी, लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है. इस मंदिर की एक और खासियत है कि यहां होने वाली रथ यात्रा में अनुसूचित वर्ग के लोग भी प्रतिभा करते हैं.

नवीन सिंह भंडारी ने स्पष्ट किया है कि अब मंदिर में किसी प्रकार की बलि देते पकड़े जाने पर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मंदिर में शराब पीकर आने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. साथ ही मंदिर परिसर में फवनबगड़ से लेकर दुधौर के घाट के बीच में जो भी पेड़ पौधे हैं, उनके कटान पर रोक लगाई जाएगी.

चंपावत: जिले के लधियाघाटी क्षेत्र के शीला देवी मंदिर समिति ने एक अच्छी पहल करते हुए पशु बलि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं शराब पीकर मंदिर में आने वालों पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में माता को समर्पित करते हुए किसी भी प्रकार के पेड़-पौधों के काटने पर भी प्रतिबंध लगाने के साथ जुर्माना लगाने का फैसला लिया गया है.

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मंदिर समिति के अध्यक्ष दीवान सिंह बडेला और सदस्य नवीन सिंह भंडारी ने बताया कि समिति की ओर से मंदिर में मनौती पूरी होने के बाद श्रद्धालुओं की ओर से दी जाने वाली पशु बलि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. मान्यता है कि शीला देवी मां भगवती के रूप में से ही एक हैं. यहां मां भगवती को प्रसन्न करने के लिए लोग पशु बलि दिया करते थे. यहां बड़ी संख्या में पशु बलि हुआ करती थी, लेकिन अब इस पर रोक लगा दी गई है. इस मंदिर की एक और खासियत है कि यहां होने वाली रथ यात्रा में अनुसूचित वर्ग के लोग भी प्रतिभा करते हैं.

नवीन सिंह भंडारी ने स्पष्ट किया है कि अब मंदिर में किसी प्रकार की बलि देते पकड़े जाने पर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मंदिर में शराब पीकर आने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. साथ ही मंदिर परिसर में फवनबगड़ से लेकर दुधौर के घाट के बीच में जो भी पेड़ पौधे हैं, उनके कटान पर रोक लगाई जाएगी.

Last Updated : May 27, 2021, 5:01 PM IST
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