चम्पावत: लोहाघाट में मां देवी धार के देवी महोत्सव के पांचवें व अंतिम दिन देव रथ यात्रा निकाली गई. खड़ी चढ़ाई पर श्रद्धालुओं ने रस्सों के सहारे देव रथों को मंदिर तक पहुंचाया. इस दौरान महिलाओं ने देव रथों पर चावल और पुष्प वर्षा की. महोत्सव के दौरान खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शैक्षिक प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं. भारी बारिश के बावजूद हजारों लोग तीन गांव के आने वाले देवीरथ के साक्षी बने.
मंगलवार को सुबह मां भगवती मंदिर देवीधार में पूजा-अर्चना का कार्यक्रम चला. दोपहर तक हजारों की संख्या में लोग देवीरथों के दर्शन के लिए देवीधार पहुंचे. अपराह्न करीब 3 बजकर 8 मिनट पर सबसे पहले रायनगर चौड़ी का डोला मां के जयकारों के साथ मंदिर पहुंचा. डोले में सवार महाकाली के रूप में राधिका देवी ने अवतरित होकर लोगों को आशीर्वाद दिया.
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इसके बाद करीब 3 बजकर 33 मिनट पर कलीगांव का डोला खड़ी चढ़ाई पार करता हुआ मंदिर पहुंचा. मां भगवती के डांगर संजय और हरी देवी ने भक्तों को आशीर्वाद दिया.
आखिर में करीब 3 बजकर 43 मिनट में डैंसली का डोला भी मंदिर में पहुंच गया. कालिका के रूप में रतन सिंह और मां भगवती के डांगर नारायण सिंह ने चंवर झुलाकर आशीर्वाद दिया.
तीनों गांव के देवीरथों ने मां भगवती के मंदिर की परिक्रमा की. मान्यताओं पर विश्वास करने वालों ने डोले के नीचे से गुजरकर संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी.
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देवीधार सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष जीवन मेहता ने बताया कि महोत्सव को भव्य बनाने के लिए हर साल कुछ नया किया जा रहा है. इस बार महोत्सव में हथकरघा प्रदर्शनी भी लगी हुई है.