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चंपावतः ठेकेदार ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट में जीता केस, PWD देगा 7.7 करोड़ का हर्जाना - Tanakpur Jauljibi Road

देहरादून की आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण से जुड़े ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर PWD को 7.7 करोड़ रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया है.

arbitration tribunal court
ठेकेदार ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट में जीता केस
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Published : Jun 3, 2020, 9:10 PM IST

चंपावत: तीन साल से अधर में लटके टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही लोनिवि को तीन माह के भीतर ठेकेदार के एग्रीमेंट को खोलने और 7.7 करोड़ रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया है. टनकपुर-जौलजीवी दो लेन सड़क निर्माण को केंद्र सरकार ने 2016 में मंजूरी दी थी. जिसके तहत पहले चरण में 42 किलोमीटर लंबी सड़क ठुलीगाड़ से चूका तक बननी है.

24 किलोमीटर सड़क निर्माण का ठेका 123 करोड़ रुपए में दलीप सिंह अधिकारी को दिया गया था. काम शुरू होने के बाद अगस्त 2017 में लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फर्त्याल के पत्र को संज्ञान लेकर उत्तराखंड सरकार ने दलीप सिंह के टेंडर की जांच कराई. जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने ठेकेदार को फर्जी तरीके से टेंडर हासिल करने का दोषी पाते हुए दलीप सिंह अधिकारी पर मुकदमा दर्ज कराते हुए उनका टेंडर भी खारिज कर दिया.

ठेकेदार ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट में जीता केस

ये भी पढ़ें: CORONA: व्यापारियों पर कोरोना का प्रहार, टूटी कमर-बिखरा कारोबार

जिसके बाद मामला देहरादून आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट में चला और कोर्ट ने अधिकारी पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया. तीन माह के भीतर जुर्माना नहीं देने पर कोर्ट ने रकम पर ब्याज देने का भी आदेश दिया है.

चंपावत: तीन साल से अधर में लटके टनकपुर-जौलजीबी सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट ने ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही लोनिवि को तीन माह के भीतर ठेकेदार के एग्रीमेंट को खोलने और 7.7 करोड़ रुपए का हर्जाना देने का आदेश दिया है. टनकपुर-जौलजीवी दो लेन सड़क निर्माण को केंद्र सरकार ने 2016 में मंजूरी दी थी. जिसके तहत पहले चरण में 42 किलोमीटर लंबी सड़क ठुलीगाड़ से चूका तक बननी है.

24 किलोमीटर सड़क निर्माण का ठेका 123 करोड़ रुपए में दलीप सिंह अधिकारी को दिया गया था. काम शुरू होने के बाद अगस्त 2017 में लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फर्त्याल के पत्र को संज्ञान लेकर उत्तराखंड सरकार ने दलीप सिंह के टेंडर की जांच कराई. जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने ठेकेदार को फर्जी तरीके से टेंडर हासिल करने का दोषी पाते हुए दलीप सिंह अधिकारी पर मुकदमा दर्ज कराते हुए उनका टेंडर भी खारिज कर दिया.

ठेकेदार ने आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट में जीता केस

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जिसके बाद मामला देहरादून आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल कोर्ट में चला और कोर्ट ने अधिकारी पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया. तीन माह के भीतर जुर्माना नहीं देने पर कोर्ट ने रकम पर ब्याज देने का भी आदेश दिया है.

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