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टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग निर्माण मामला, कोर्ट ने ठेकेदार को धारा 420 के आरोप से किया बरी

मामले को लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने विधानसभा में भी उठाया था. विधायक फर्त्याल ने विधानसभा में ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.

चंपावत
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Published : Mar 12, 2020, 8:56 PM IST

चंपावत: टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग निर्माण से जुड़े एक बहुचर्चित मामले में ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी को सीजेएम कोर्ट ने धारा 420 के आरोप से बरी कर दिया है. विधायक फर्त्याल ने भी इस मामले को विधानसभा में उठाया था और ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए थे.

जानकारी के मुताबिक 24 अक्टूबर 2016 को ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी को टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग में ठुलीगाड़ से रूपालीगाड़ तक का 24.40 किमी का टेंडर मिला था. लेकिन 21 मार्च 2018 को दलीप सिंह पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टेंडर हांसिल करने का आरोप लगा था. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने दलीप सिंह के खिलाफ टनकपुर कोतवाली में धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी.

13 फरवरी 2019 को सीजेएम की अदालत में इस मामले पर पहली सुनवाई हुई. जिसमें विभिन्न अभिलेखों अधिवक्ताओं के तर्कों आदि को देखते हुए धारा 467, 468 और 471 के बावत पुलिस रिर्पोट को निरस्त कर दिया गया. केवल धारा 420 का संज्ञान लिया गया. 19 फरवरी को कोर्ट की दूसरी सुनवाई में जिन दस्तावेजों को फर्जी कहा जा रहा है वह निविदा से पूर्व विभागीय अधिकारियों ने जारी ही नहीं किया. बल्कि सत्यापित भी किया है. लिहाजा ठेकेदार पर धारा 420 का आरोप निराधार है. ऐसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धर्मेन्द्र कुमार सिंह की कोर्ट ने ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी को बरी कर दिया.

पढ़ें- विकास के रास्ते पर अग्रसर गैरसैंण, झील निर्माण से पानी की समस्या होगी खत्म

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ठेकेदार दिलीप सिंह अधिकारी ने अपनी मानहानि और झूठे आरोपों से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार पर 103 करोड़ रुपए का मुआवजा देने के लिए रीट भी दायर की है.

बता दें कि लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग के निर्माण का मामला विधानसभा में भी उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि ठेकेदार ने झूठे दस्तावेजों का प्रयोग कर टेंडर को लिया था.

चंपावत: टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग निर्माण से जुड़े एक बहुचर्चित मामले में ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी को सीजेएम कोर्ट ने धारा 420 के आरोप से बरी कर दिया है. विधायक फर्त्याल ने भी इस मामले को विधानसभा में उठाया था और ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए थे.

जानकारी के मुताबिक 24 अक्टूबर 2016 को ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी को टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग में ठुलीगाड़ से रूपालीगाड़ तक का 24.40 किमी का टेंडर मिला था. लेकिन 21 मार्च 2018 को दलीप सिंह पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर टेंडर हांसिल करने का आरोप लगा था. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने दलीप सिंह के खिलाफ टनकपुर कोतवाली में धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी.

13 फरवरी 2019 को सीजेएम की अदालत में इस मामले पर पहली सुनवाई हुई. जिसमें विभिन्न अभिलेखों अधिवक्ताओं के तर्कों आदि को देखते हुए धारा 467, 468 और 471 के बावत पुलिस रिर्पोट को निरस्त कर दिया गया. केवल धारा 420 का संज्ञान लिया गया. 19 फरवरी को कोर्ट की दूसरी सुनवाई में जिन दस्तावेजों को फर्जी कहा जा रहा है वह निविदा से पूर्व विभागीय अधिकारियों ने जारी ही नहीं किया. बल्कि सत्यापित भी किया है. लिहाजा ठेकेदार पर धारा 420 का आरोप निराधार है. ऐसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धर्मेन्द्र कुमार सिंह की कोर्ट ने ठेकेदार दलीप सिंह अधिकारी को बरी कर दिया.

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ठेकेदार दिलीप सिंह अधिकारी ने अपनी मानहानि और झूठे आरोपों से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार पर 103 करोड़ रुपए का मुआवजा देने के लिए रीट भी दायर की है.

बता दें कि लोहाघाट विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग के निर्माण का मामला विधानसभा में भी उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि ठेकेदार ने झूठे दस्तावेजों का प्रयोग कर टेंडर को लिया था.

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