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मॉनसून सीजन में आपदा राहत की तैयारियां में जुटा प्रशासन, बढ़ रहा शारदा का जलस्तर

मॉनसून सीजन में आपदा राहत को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. प्रशासनिक अधिकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विधानसभा चंपावत में भी आपदा राहत की तैयारियां पूरी करने में जुट गए है. वहीं, नैनीताल डीएम ने नंधौर नदी और गौला नदी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने अधिकारियों को मानसून से पहले सभी व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए.

champawat Administration preparations for disaster relief
आपदा राहत की तैयारियां में जुटा प्रशासन
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Published : Jul 1, 2022, 5:26 PM IST

Updated : Jul 1, 2022, 6:03 PM IST

चंपावत/हल्द्वानी: उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. ऐसे में लगातार पहाड़ी जनपदों में बारिश हो रही है. वहीं, टनकपुर बनबसा सहित तराई क्षेत्र में महाकाली नदी मॉनसून सीजन में रौद्र रूप में आ जाती है. पहाड़ों पर होने वाली पहली बरसात के बाद ही शारदा का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. हालांकि, अभी शारदा नदी खतरे के निशान से काफी दूर है. प्रशासन मॉनसून में शारदा नदी से होने वाले नुकसान और प्रभाव को कम करने को लेकर तैयारियों में जुट गया है.

वहीं, शारदा नदी किनारे संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत चौकियां स्थापित की जा रही हैं. शारदा नदी के घाट पर जल पुलिस के जवान पहरा दे रहे हैं. टनकपुर के उप जिलाधिकारी हिमांशु कफलटिया ने बताया कि प्रशासन की ओर से क्षेत्र में आपदा राहत कार्य को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

ये भी पढ़ें: अपर मुख्य सचिव ने ली ऋषिकेश नगर निगम की बैठक, कमर्शियल टैक्स पर जताई नाराजगी

नैनीताल डीएम ने नंधौर और गौला नदी का किया निरीक्षण: पहाड़ों पर पिछले 2 दिनों से बरसात हो रही है. पिछले साल आई आपदा प्रभावित क्षेत्र का नैनीताल जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने दौरा किया. पूर्व में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फिर से आपदा की स्थिति पैदा ना हो, इसको लेकर डीएम ने व्यवस्थाओं दूरुस्त करने के निर्देश दिए.

डीएम ने नंधौर नदी और गौला नदी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने लोगों से मुलाकात की. उन्होंने अधिकारियों को मानसून से पहले सभी व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए. जिससे पूर्व की तरह आपदा की स्थिति पैदा ना हो.

डीआईजी कुमाऊं ने अलर्ट के दिये निर्देश: कुमाऊं में बरसात के चलते डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे मंडल के सभी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. वहीं, आपदा के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस द्वारा एक पहल की गई है, जिसमें पुलिस के द्वारा आपदा मित्र बनाए जा रहे हैं. इसके तहत पुलिस के साथ जुड़कर कार्य करने वाले युवाओं को पुलिस के पहचान पत्र दिये जा रहे हैं.

डीआईजी का कहना है कि हर पुलिस वर्ग के अधिकारी व कर्मचारी को जनता के साथ मिलकर कार्य करने के लिए उत्साहित होना चाहिए. ऐसे में युवाओं और पूर्व सैनिकों को 7 दिन की सामान्य ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले सभी कर्मियों को आपदा से निपटने के लिए आपदा किट भी दी जा रही है. ताकि पहाड़ी क्षेत्र में अगर कहीं कोई दुर्घटना होती है तो यह सभी आपदा मित्र को उस स्थान पर जाकर तत्काल राहत बचाव कार्य में जुटेंगे.

चंपावत/हल्द्वानी: उत्तराखंड में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. ऐसे में लगातार पहाड़ी जनपदों में बारिश हो रही है. वहीं, टनकपुर बनबसा सहित तराई क्षेत्र में महाकाली नदी मॉनसून सीजन में रौद्र रूप में आ जाती है. पहाड़ों पर होने वाली पहली बरसात के बाद ही शारदा का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. हालांकि, अभी शारदा नदी खतरे के निशान से काफी दूर है. प्रशासन मॉनसून में शारदा नदी से होने वाले नुकसान और प्रभाव को कम करने को लेकर तैयारियों में जुट गया है.

वहीं, शारदा नदी किनारे संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत चौकियां स्थापित की जा रही हैं. शारदा नदी के घाट पर जल पुलिस के जवान पहरा दे रहे हैं. टनकपुर के उप जिलाधिकारी हिमांशु कफलटिया ने बताया कि प्रशासन की ओर से क्षेत्र में आपदा राहत कार्य को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

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नैनीताल डीएम ने नंधौर और गौला नदी का किया निरीक्षण: पहाड़ों पर पिछले 2 दिनों से बरसात हो रही है. पिछले साल आई आपदा प्रभावित क्षेत्र का नैनीताल जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने दौरा किया. पूर्व में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में फिर से आपदा की स्थिति पैदा ना हो, इसको लेकर डीएम ने व्यवस्थाओं दूरुस्त करने के निर्देश दिए.

डीएम ने नंधौर नदी और गौला नदी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने लोगों से मुलाकात की. उन्होंने अधिकारियों को मानसून से पहले सभी व्यवस्था ठीक करने के निर्देश दिए. जिससे पूर्व की तरह आपदा की स्थिति पैदा ना हो.

डीआईजी कुमाऊं ने अलर्ट के दिये निर्देश: कुमाऊं में बरसात के चलते डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे मंडल के सभी अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं. वहीं, आपदा के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस द्वारा एक पहल की गई है, जिसमें पुलिस के द्वारा आपदा मित्र बनाए जा रहे हैं. इसके तहत पुलिस के साथ जुड़कर कार्य करने वाले युवाओं को पुलिस के पहचान पत्र दिये जा रहे हैं.

डीआईजी का कहना है कि हर पुलिस वर्ग के अधिकारी व कर्मचारी को जनता के साथ मिलकर कार्य करने के लिए उत्साहित होना चाहिए. ऐसे में युवाओं और पूर्व सैनिकों को 7 दिन की सामान्य ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही प्रशिक्षण लेने वाले सभी कर्मियों को आपदा से निपटने के लिए आपदा किट भी दी जा रही है. ताकि पहाड़ी क्षेत्र में अगर कहीं कोई दुर्घटना होती है तो यह सभी आपदा मित्र को उस स्थान पर जाकर तत्काल राहत बचाव कार्य में जुटेंगे.

Last Updated : Jul 1, 2022, 6:03 PM IST
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