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सनातन धर्म की रक्षा के लिए जूना अखाड़े ने निकाली छड़ी यात्रा, चारों धाम में होगा धर्म का प्रचार

25 साल बाद जूना अखाड़े की ओर से सनातन धर्म की रक्षा के लिए उत्तराखंड के चारधाम में छड़ी यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. जिसके कारण लोगों में इसे लेकर काफी उत्साह है.

चंपावत पहुंची छड़ी यात्रा.
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Published : Oct 28, 2019, 7:43 PM IST

चंपावत: जूना अखाड़े की ओर से सनातन धर्म की रक्षा के लिए उत्तराखंड के चारधाम में छड़ी यात्रा निकाली जा रही है. ये यात्रा चारों धाम जाकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करेगी. इसी कड़ी में सोमवार को छड़ी यात्रा चंपावत के टनकपुर के पूर्णागिरि धाम पहुंची. जहां पूर्णागिरि मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन के बाद छड़ी यात्रा पिथौरागढ़ के लिए रवाना हुई.

इस दौरान अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि 25 साल बाद इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. जिसके कारण लोगों में इसे लेकर काफी उत्साह है. उन्होंने कहा जब सनातन धर्म का पतन हो रहा था तब आदिगुरु शंकराचार्य ने यहीं पर अमर कल्पवृक्ष के नीचे पांच साल तपस्या की थी. जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त हुई थी. जिसके बाद उन्होंने भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना कर भारत और सनातन धर्म को एकता के सूत्र में पिरोया था.

जूना अखाड़े ने निकाली छड़ी यात्रा

पढ़ें-शहर में नहीं थम रहा डेंगू का आतंक, 55 नये मरीजों में डेंगू की पुष्टि

जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य से प्रभावित होकर इस छड़ी यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. इसके माध्यम से एक बार फिर से सनातन धर्म को मजबूत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस यात्रा का समापन पांच नवंबर को हरिद्वार में होगा.

चंपावत: जूना अखाड़े की ओर से सनातन धर्म की रक्षा के लिए उत्तराखंड के चारधाम में छड़ी यात्रा निकाली जा रही है. ये यात्रा चारों धाम जाकर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करेगी. इसी कड़ी में सोमवार को छड़ी यात्रा चंपावत के टनकपुर के पूर्णागिरि धाम पहुंची. जहां पूर्णागिरि मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन के बाद छड़ी यात्रा पिथौरागढ़ के लिए रवाना हुई.

इस दौरान अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रेमगिरी महाराज ने कहा कि 25 साल बाद इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. जिसके कारण लोगों में इसे लेकर काफी उत्साह है. उन्होंने कहा जब सनातन धर्म का पतन हो रहा था तब आदिगुरु शंकराचार्य ने यहीं पर अमर कल्पवृक्ष के नीचे पांच साल तपस्या की थी. जिससे उन्हें दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त हुई थी. जिसके बाद उन्होंने भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना कर भारत और सनातन धर्म को एकता के सूत्र में पिरोया था.

जूना अखाड़े ने निकाली छड़ी यात्रा

पढ़ें-शहर में नहीं थम रहा डेंगू का आतंक, 55 नये मरीजों में डेंगू की पुष्टि

जूना अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आदिगुरु शंकराचार्य से प्रभावित होकर इस छड़ी यात्रा का आयोजन किया जा रहा है. इसके माध्यम से एक बार फिर से सनातन धर्म को मजबूत किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस यात्रा का समापन पांच नवंबर को हरिद्वार में होगा.

Intro:feed name_ 28 dharm yatra
स्लग - छडी यात्रा
-सनातन धर्म की रक्षा के लिए निकली छड़ी यात्रा
स्थान - चंपावत

एंकर - जूना अखाड़ा की ओर से हरिद्वार से सनातन धर्म की रक्षा के लिए उत्तराखंड के चारधाम में छड़ी यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा चारधाम जाकर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करेगी। सोमवार को छड़ी यात्रा चंपावत के टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरि धाम पहुंची। यहां पर मां पूर्णागिरि मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन किए और फिर पिथौरागढ़ के लिए रवाना हुए। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया।

वी.ओ - 1 - अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रेमगिरी महाराज का कहना है कि 25 साल बाद इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जब सनातन धर्म का पतन हो रहा था तब आदि गुरु शंकराचार्य ने यहीं पर अमर कल्पवृक्ष के नीचे पांच साल तपस्या कर दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त कर सनातन धर्म की रक्षा की थी। उन्होंने भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना कर भारत और सनातन धर्म को एकता के सूत्र में पिरोया था। उन्हीं से प्रेरित होकर इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए छड़ी यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा का समापन पांच नवंबर को हरिद्वार में होगा और उत्तराखंड के चारधामों में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करेगी।
बाइट - 1 - स्वामी प्रेमगिरी महाराज - राष्ट्रीय अध्यक्ष जूना अखाड़ा

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स्लग - छडी यात्रा
-सनातन धर्म की रक्षा के लिए निकली छड़ी यात्रा
स्थान - चंपावत

एंकर - जूना अखाड़ा की ओर से हरिद्वार से सनातन धर्म की रक्षा के लिए उत्तराखंड के चारधाम में छड़ी यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा चारधाम जाकर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करेगी। सोमवार को छड़ी यात्रा चंपावत के टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरि धाम पहुंची। यहां पर मां पूर्णागिरि मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन किए और फिर पिथौरागढ़ के लिए रवाना हुए। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया।

वी.ओ - 1 - अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रेमगिरी महाराज का कहना है कि 25 साल बाद इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जब सनातन धर्म का पतन हो रहा था तब आदि गुरु शंकराचार्य ने यहीं पर अमर कल्पवृक्ष के नीचे पांच साल तपस्या कर दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त कर सनातन धर्म की रक्षा की थी। उन्होंने भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना कर भारत और सनातन धर्म को एकता के सूत्र में पिरोया था। उन्हीं से प्रेरित होकर इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए छड़ी यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा का समापन पांच नवंबर को हरिद्वार में होगा और उत्तराखंड के चारधामों में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करेगी।
बाइट - 1 - स्वामी प्रेमगिरी महाराज - राष्ट्रीय अध्यक्ष जूना अखाड़ा

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स्लग - छडी यात्रा
-सनातन धर्म की रक्षा के लिए निकली छड़ी यात्रा
स्थान - चंपावत

एंकर - जूना अखाड़ा की ओर से हरिद्वार से सनातन धर्म की रक्षा के लिए उत्तराखंड के चारधाम में छड़ी यात्रा निकाली जा रही है। यात्रा चारधाम जाकर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करेगी। सोमवार को छड़ी यात्रा चंपावत के टनकपुर स्थित मां पूर्णागिरि धाम पहुंची। यहां पर मां पूर्णागिरि मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन किए और फिर पिथौरागढ़ के लिए रवाना हुए। स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया।

वी.ओ - 1 - अखाड़ा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रेमगिरी महाराज का कहना है कि 25 साल बाद इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जब सनातन धर्म का पतन हो रहा था तब आदि गुरु शंकराचार्य ने यहीं पर अमर कल्पवृक्ष के नीचे पांच साल तपस्या कर दिव्य ज्ञान ज्योति प्राप्त कर सनातन धर्म की रक्षा की थी। उन्होंने भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना कर भारत और सनातन धर्म को एकता के सूत्र में पिरोया था। उन्हीं से प्रेरित होकर इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए छड़ी यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा का समापन पांच नवंबर को हरिद्वार में होगा और उत्तराखंड के चारधामों में सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करेगी।
बाइट - 1 - स्वामी प्रेमगिरी महाराज - राष्ट्रीय अध्यक्ष जूना अखाड़ा

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