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बीजेपी विधायक ने अपनी सरकार के खिलाफ उठाये सवाल, कहा- दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई

चंपावत के टनकपुर-जौलजीबी (टीजे) सड़क को लेकर विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपनी ही सरकार पर तीखा वार किया है. उन्होंने कहा है कि सरकार जीरो टोलरेंस और भ्रष्टाचार पर कार्य कर रही है, लेकिन टीजे रोड पर दिए सरकार के फैसले से आम जनता के बीच सरकार की छवि खराब हो रही है.

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बीजेपी विधायक ने अपनी सरकार के खिलाफ उठाये सवाल
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Published : Aug 18, 2020, 4:54 PM IST

चंपावत: टनकपुर-जौलजीबी (टीजे) सड़क को लेकर विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, सरकार द्वारा फैसले के खिलाफ अब तक कोर्ट में अपील न होने से भी पूरन सिंह फर्त्याल नाराज हैं. उन्होंने राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर भी सवाल खड़े किये हैं.

लोहाघाट से बीजेपी विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने कहा कि सरकार जीरो टॉलरेंस और भ्रष्टाचार पर कार्य कर रही है, लेकिन टीजे रोड पर दिए सरकार के फैसले से आम जनता के बीच सरकार की छवि खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में सरकार के खिलाफ नियम 58 के तहत प्रश्न लगाएंगे. वह अपने सिद्धांतों के साथ बिल्कुल भी समझौता नहीं करेंगे.

बीजेपी विधायक ने अपनी सरकार के खिलाफ उठाये सवाल

पढ़ें- कांग्रेसी नेताओं की मांग, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा पर दर्ज हो केस

मीडियाकर्मियों से मुखातिब होते हुए विधायक पूरत सिंह फर्त्याल ने कहा कि ऑर्बिट्रेशन ने टनकपुर-जौलजीबी सड़क के मामले में ठेकेदार के पक्ष में निर्णय दिया था. ऑर्बिट्रेशन ने लोनिवि को कोर्ट में अपील करने के लिए तीन माह का समय दिया था. जो आगामी तीन सितंबर को खत्म हो जाएगा.

फर्त्याल का आरोप है कि लोनिवि जानबूझकर मामले में अपील में देरी कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की साजिश रची थी. लोनिवि सचिव सीएम के आदेश दरकिनार कर रहे हैं, जो खुद में सवाल खड़े करता है. भ्रष्टाचार के नाम पर केवल इंजीनियरों को ही बलि का बकरा बनाने से काम नहीं चलने वाला. उन्होंने कहा कि अफसर प्रदेश सरकार की नीतियों पर पलीता लगा रहे हैं, जिसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

पढ़ें- बीजेपी विधायक पर यौन शोषण का आरोप, कांग्रेस ने कहा- MLA को खुद इस्तीफा देना चाहिए

उन्होंने कहा कि तीन बार टेंडर लगाने के बाद क्यों रद्द किए गए. सरकार 11 महीने तक सो ही रही थी क्या? उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार में शिकायत की थी कि लोनिवि द्वारा टेंडर नहीं लगाए जा रहे हैं . लेकिन सरकार ने अधिकारियों को तो पनिशमेंट दे दी लेकिन ठेकेदार को इनाम दे दिया. उसको पुनः बहाल करने के आदेश दे दिया गया. जो बड़े खेद का विषय है. एक तरफ हमारी सरकार जो भ्रष्टाचार मिटाने की की बात करती है और फिर वह ही इस तरह का निर्णय देती है. इससे जनता में गलत मैसेज जा रहा है .

फर्त्याल ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात मेरे गले से नहीं उतर रही. जीरो टॉलरेंस की बात पर सरकार ने कार्रवाई की थी, उसको आज नजरअंदाज किया जा रहा है. ऐसे में आगामी विधानसभा सत्र में वो इस मामले को उठाएंगे. जबतक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती.

चंपावत: टनकपुर-जौलजीबी (टीजे) सड़क को लेकर विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, सरकार द्वारा फैसले के खिलाफ अब तक कोर्ट में अपील न होने से भी पूरन सिंह फर्त्याल नाराज हैं. उन्होंने राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति पर भी सवाल खड़े किये हैं.

लोहाघाट से बीजेपी विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने कहा कि सरकार जीरो टॉलरेंस और भ्रष्टाचार पर कार्य कर रही है, लेकिन टीजे रोड पर दिए सरकार के फैसले से आम जनता के बीच सरकार की छवि खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि वह विधानसभा में सरकार के खिलाफ नियम 58 के तहत प्रश्न लगाएंगे. वह अपने सिद्धांतों के साथ बिल्कुल भी समझौता नहीं करेंगे.

बीजेपी विधायक ने अपनी सरकार के खिलाफ उठाये सवाल

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मीडियाकर्मियों से मुखातिब होते हुए विधायक पूरत सिंह फर्त्याल ने कहा कि ऑर्बिट्रेशन ने टनकपुर-जौलजीबी सड़क के मामले में ठेकेदार के पक्ष में निर्णय दिया था. ऑर्बिट्रेशन ने लोनिवि को कोर्ट में अपील करने के लिए तीन माह का समय दिया था. जो आगामी तीन सितंबर को खत्म हो जाएगा.

फर्त्याल का आरोप है कि लोनिवि जानबूझकर मामले में अपील में देरी कर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की साजिश रची थी. लोनिवि सचिव सीएम के आदेश दरकिनार कर रहे हैं, जो खुद में सवाल खड़े करता है. भ्रष्टाचार के नाम पर केवल इंजीनियरों को ही बलि का बकरा बनाने से काम नहीं चलने वाला. उन्होंने कहा कि अफसर प्रदेश सरकार की नीतियों पर पलीता लगा रहे हैं, जिसे किसी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि तीन बार टेंडर लगाने के बाद क्यों रद्द किए गए. सरकार 11 महीने तक सो ही रही थी क्या? उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार में शिकायत की थी कि लोनिवि द्वारा टेंडर नहीं लगाए जा रहे हैं . लेकिन सरकार ने अधिकारियों को तो पनिशमेंट दे दी लेकिन ठेकेदार को इनाम दे दिया. उसको पुनः बहाल करने के आदेश दे दिया गया. जो बड़े खेद का विषय है. एक तरफ हमारी सरकार जो भ्रष्टाचार मिटाने की की बात करती है और फिर वह ही इस तरह का निर्णय देती है. इससे जनता में गलत मैसेज जा रहा है .

फर्त्याल ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात मेरे गले से नहीं उतर रही. जीरो टॉलरेंस की बात पर सरकार ने कार्रवाई की थी, उसको आज नजरअंदाज किया जा रहा है. ऐसे में आगामी विधानसभा सत्र में वो इस मामले को उठाएंगे. जबतक दोषियों को सजा नहीं मिल जाती.

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