चंपावत: चरस तस्करी में पुलिस टीम ने साढ़े पांच किलो चरस के साथ एक शातिर आरोपी को गिरफ्तार किया था. पुलिस की कार्रवाई से खुश होकर पुलिस अधीक्षक ने ईनाम की भी घोषणा कर दी. लेकिन, उन पुलिसकर्मियों को क्या पता था, ईनाम नहीं अब उन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है. आरोपी पुलिसकर्मियों की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया.
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ये पूरा प्रकरण चंपावत जिले के बनबसा का है. चरस तस्कर गणेश बोरा को पुलिस टीम गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए ले जा रही थी. इससे पहले आरोपी गणेश को 5.70 किलोग्राम चरस तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया था. बनबसा थानाध्यक्ष जसवीर सिंह चौहान और बैराज चौकी प्रभारी गोविंद सिंह बिष्ट की टीम ने शनिवार रात नेपाल के गणेश बोरा को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास बैलबंदगोठ से पकड़ा था. जब आरोपी को महिला दरोगा और दो कॉन्स्टेबल चंपावत जिला कोर्ट में पेशी के लिए ला रहे थे तो उसने बस्तियां के पास शौचालय जाने की इजाजत मांगी. वाहन से उतरते ही उसने हथकड़ी छुड़ाकर जंगल की ओर दौड़ लगा दी. जब पुलिसकर्मी उसका पीछा करने लगे तो उसने उन पर पथराव शुरू कर दिया और जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गया.
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. ये भी सवाल उठ रहा है कि पुलिस टीम ने आरोपी को हथकड़ी पहनाने में चूक क्यों की? बताया ये भी जा रहा है कि पुलिसकर्मियों के पास बचाव के लिए बंदूक क्यों नहीं थी? वहीं, अपराधी इतना शातिर था कि उसने बनबसा में भागने का प्रयास नहीं किया. जैसे ही सुनसान जंगल का इलाका आया, उसने शौचालय का बहाना बनाकर पुलिस को चकमा दे दिया. इस पूरे मामले में जहां पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल पहले जहां कॉन्स्टेबलों को पहले पुरस्कार की घोषणा कर चुके थे. अब वहीं उन पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिये हैं. वहीं, आरोपी को पकड़ने के लिए जंगल में कांबिंग आपरेशन की जा रही है. नेपाल पुलिस के साथ एसएसबी का भी सहयोग लिया जा रहा है.