चमोली: जोशीमठ को बचाने और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने को लेकर स्थानीय युवाओं की दून तक पदयात्रा बुधवार को जोश और उत्साह के साथ शुरू हो गई. स्थानीय लोगों ने युवाओं को फूल मालाएं पहनाईं और नारेबाजी करते हुए उन्हें विदा किया.
धंसते जोशीमठ को बचाने के लिए पदयात्रा: आपदा के चलते जोशीमठ नगर के भविष्य को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इसी के चलते स्थानीय युवाओं ने नगर को बचाने के लिए एक नया प्रयास शुरू किया है. युवाओं ने जोशीमठ बचाने और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जोशीमठ से देहरादून तक पैदल यात्रा करने का निर्णय लिया. बुधवार को युवाओं की पैदल यात्रा तहसील परिसर से शुरू हुई.
जोशीमठ से देहरादून जा रहे पदयात्रियों को मिठाई खिलाकर किया विदा: स्थानीय लोगों ने उनका उत्साह बढ़ाते हुए उनकी इस पहल की सराहना की. फूल मालाएं पहनाकर और तहसील से नगर के विभिन्न मार्गों तक जुलूस निकालते हुए नारेबाजी की और मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं देते हुए उन्हें विदा किया. सभी युवाओं ने अपनी इस यात्रा के संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा है. मंगलवार को जब इस पदयात्रा का एलान किया गया तब सिर्फ दो युवा इसमें जुड़े हुए थे. लेकिन बुधवार को जब यात्रा शुरू हुई तो युवाओं की संख्या बढ़कर नौ हो गई. युवाओं ने परिजनों और स्थानीय लोगों से आशीर्वाद लेकर अपनी पदयात्रा शुरू की.
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सेव जोशीमठ लिखी टीशर्ट का भी ट्रेंड: जोशीमठ को बचाने के लिए जिससे जो बन पड़ रहा है, वो शख्स वो काम कर रहा है. इन दिनों सेव जोशीमठ लिखी टीशर्ट भी काफी चर्चा में है. इस टीशर्ट के आगे के हिस्से में भूधंसाव वाले जोशीमठ की फोटो के साथ सेव जोशीमठ लिखा है. टीशर्ट के पीछे की ओर सेव उत्तराखंड स्लोगन छपा है. स्थानीय युवाओं में इस टीशर्ट का क्रेज काफी बढ़ा है.