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चमोली: आज से खुल गई विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी - फूलों की घाटी चमोली

चमोली जिले में विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी आज खोल दी गई है. इसके लिए प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं. हालांकि कोरोना वायरस के कारण अभी यहां पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है.

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खुली विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी
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Published : Jun 1, 2020, 12:50 PM IST

Updated : Jun 1, 2020, 2:06 PM IST

चमोली: जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज से आम पर्यटकों के लिए खोल दी गई है. वन विभाग ने घांघरिया स्थित फूलों की घाटी की ओर जाने वाले गेट को आज सुबह खोल दिया है. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते फिलहाल अभी घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है.

जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया.
बता दें कि, पिछले वर्ष 17,424 देसी-विदेशी पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया था. इससे वन विभाग को 27 लाख 60 हजार 424 रुपये की आय प्राप्त हुई थी. लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर वन विभाग के द्वारा फिलहाल रोक लगाई गई है.
world famous valley of flower
घाटी में खिले फूल.

पढ़ें- नैनीताल: कुमाऊं विश्वविद्यालय की इस पहल से बेरोजगार युवाओं को मिल सकेगा रोजगार

अभी भी घांघरिया से फूलों की घाटी की ओर जाने वाले ट्रैक में कई जगह 40 से 50 फीट बड़े-बड़े हिमखण्ड खड़े हैं. हालांकि वन विभाग के द्वारा हिमखंडों को काटकर उनके बीच से आवाजाही के लायक रास्ता बनाया गया है. यहां कई प्रजाति के फूल खिलने के बाद यूनेस्को ने वर्ष 2005 में घाटी को विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया था. 1931 में फ्रैंक स्मिथ ने फूलों के इस नायाब खजाने को खोज निकाला था.

इसलिए विश्व प्रसिद्ध है फूलों की घाटी

चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है. यूनेस्को ने 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया था. जहां का नैसर्गिक सौन्दर्य बरबस ही सैलानियों को आपनी ओर आकर्षित करता है. फूलों की घाटी में 500 से अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिल जाती हैं. यह क्षेत्र बागवानी विशेषज्ञों और फूल प्रेमियों के लिए काफी पसंद है. खुलते ही यहां सैलानियों का तांता लगा रहता है.

चमोली: जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी आज से आम पर्यटकों के लिए खोल दी गई है. वन विभाग ने घांघरिया स्थित फूलों की घाटी की ओर जाने वाले गेट को आज सुबह खोल दिया है. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के चलते फिलहाल अभी घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है.

जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया.
बता दें कि, पिछले वर्ष 17,424 देसी-विदेशी पर्यटकों ने फूलों की घाटी का दीदार किया था. इससे वन विभाग को 27 लाख 60 हजार 424 रुपये की आय प्राप्त हुई थी. लेकिन इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते फूलों की घाटी में पर्यटकों की आवाजाही पर वन विभाग के द्वारा फिलहाल रोक लगाई गई है.
world famous valley of flower
घाटी में खिले फूल.

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अभी भी घांघरिया से फूलों की घाटी की ओर जाने वाले ट्रैक में कई जगह 40 से 50 फीट बड़े-बड़े हिमखण्ड खड़े हैं. हालांकि वन विभाग के द्वारा हिमखंडों को काटकर उनके बीच से आवाजाही के लायक रास्ता बनाया गया है. यहां कई प्रजाति के फूल खिलने के बाद यूनेस्को ने वर्ष 2005 में घाटी को विश्व प्राकृतिक धरोहर घोषित किया था. 1931 में फ्रैंक स्मिथ ने फूलों के इस नायाब खजाने को खोज निकाला था.

इसलिए विश्व प्रसिद्ध है फूलों की घाटी

चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है. यूनेस्को ने 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया था. जहां का नैसर्गिक सौन्दर्य बरबस ही सैलानियों को आपनी ओर आकर्षित करता है. फूलों की घाटी में 500 से अधिक फूलों की प्रजातियां देखने को मिल जाती हैं. यह क्षेत्र बागवानी विशेषज्ञों और फूल प्रेमियों के लिए काफी पसंद है. खुलते ही यहां सैलानियों का तांता लगा रहता है.

Last Updated : Jun 1, 2020, 2:06 PM IST
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