चमोली: महत्वपूर्ण हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग की माग लंबे समय से उठती रही है. जिसके लिए लोगों ने काफी संघर्ष भी किया है. वहीं, संस्तुति मिलने के बाद बदरीनाथ हाईवे पर प्रस्तावित हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सीमा सड़क संगठन ने पांच किलोमीटर के दायरे में पेड़ों के कटान का कार्य शुरू कर दिया है. जल्द ही मार्ग की कटिंग का कार्य भी शुरू हो जाएगी. इस मार्ग के निर्माण से बदरीनाथ धाम की दूरी करीब 20 किलोमीटर तक कम हो जाएगी.
गौर हो कि ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत जोशीमठ से 13 किलोमीटर पहले हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग का निर्माण कार्य प्रस्तावित है. जोशीमठ नगर के निचले हिस्से में करीब पांच किलोमीटर तक इस मार्ग का नव निर्माण होगा. मार्ग के निर्माण से बदरीनाथ धाम की दूरी करीब 20 किलोमीटर तक घट जाएगी. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति की ओर से बाईपास मार्ग के विरोध में करीब एक वर्ष तक आंदोलन भी किया गया.
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लेकिन चीन सीमा क्षेत्र में सैन्य जवानों व वाहनों की आवाजाही को सुगम करने का हवाला देते हुए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने बाईपास मार्ग के निर्माण को जरूरी बताया. हालांकि, हेलंग-जोशीमठ-मारवाड़ी सड़क के चौड़ीकरण के लिए भी परिवहन मंत्रालय ने बीआरओ को संस्तुति दे दी है. बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि हेलंग-मारवाड़ी बाईपास मार्ग निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. साथ ही जल्द मार्ग के कटिंग का कार्य शुरू हो जाएगा.