चमोलीः उत्तराखंड का जोशीमठ एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. इस बार सुर्खियों की वजह पगनो गांव में हो रहा भूस्खलन है. आलम ये है कि करीब 123 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं. जिससे लोग दहशत में है. इसी कड़ी में पगनो गांव के ग्रामीणों ने पुनर्वास और विस्थापन की मांग को लेकर जोशीमठ बाजार में रैली निकाली. इतना ही नहीं तहसील परिसर में भी धरना दिया. ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार विस्थापन की मांग को लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है.
बता दें कि जोशीमठ के पगनो गांव में लगातार भूस्खलन हो रहा है. अभी तक 11 मकान पूरी से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. जबकि, कई सारे मकान ढहने की कगार पर हैं. यहां पगनो गांव के ठीक ऊपर पहाड़ी से लगातार भूस्खलन हो रहा है. साथ ही जमीन भी खिसकती जा रही है. अभी तक गांव में करीब 300 मीटर जमीन खिसक चुकी है. जिसके चलते करीब 60 परिवारों को ज्यादा खतरा है. वहीं, 42 परिवारों को शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल का भवन और आंगनबाड़ी केंद्र का भवन भूस्खलन की चपेट में आ चुके हैं. बरसात और धूप में भी बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. हल्की सी बारिश होने पर पूरा गांव चिंतित हो जाता है. किसी बड़े खतरे की आशंका को देखते हुए लोग रात भर जागते हैं. ग्रामीणों ने ये भी बताया कि प्रशासन की ओर से राहत के तौर पर पर कुछ लोगों को तिरपाल दिए गए हैं, लेकिन ज्यादातर प्रभावितों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई हैं.
राज्य आपदा मोचन निधि से पगनो गांव के चार परिवारों को 1 लाख 30 हजार रुपए का चेक वितरित किया जा चुका है. पगनो गांव के 42 प्रभावित परिवारों को आस पास ही सुरक्षित भूमि देखकर शिफ्ट किया जाएगा. जिसके लिए भू वैज्ञानिकों की टीम जल्द सर्वेक्षण करेगी. -कुमकुम जोशी, एसडीएम, जोशीमठ