ETV Bharat / state

चमोली: आठ साल में तीन किलोमीटर सड़क नहीं बना पाया PWD, भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण

गैरसैंण विकासखंड के सेवा तेवाखर्क के ग्रामीण सड़क निर्माण को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं. उनका कहना है कि जब तक सड़क निर्माण का आश्वासन नहीं मिल जाएगा, तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

Chamoli Hindi News
Chamoli Hindi News
author img

By

Published : Mar 1, 2020, 10:43 AM IST

चमोली: उत्तराखंड बनने के 20 साल बाद भी लोग अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गैरसैंण विकासखंड गांव सेरा-तेवाखर्क में तीन किलोमीटर सड़क तो प्रस्तावित हुई और सड़क निर्माण के लिए बजट भी जारी हुआ लेकिन लापरवाही का आलम ऐसा कि आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक एक इंच सड़क नहीं बन पाई. सड़क निर्माण को लेकर अब ग्रामीणों ने गैरसैंण बाजार में सरकार के विरोध में जुलूस निकाला और तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं.

सड़क निर्माण को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण.

सेरा-तेवाखर्क के ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए उन्होंने कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे लेकिन ग्रामीणों की किसी भी अधिकारी ने नहीं सुनी. उनको मजबूर होकर भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है. उनका कहना है कि इस सड़क की मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी, बावजूद इसके आज तक सड़क नहीं बन पाई.

बता दें कि साल 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा सम्बंधित मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा की गई थी. मुख्यमंत्री की घोषणा पर साल 2013 में तीन किलोमीटर सड़क निर्माण हेतु प्रथम चरण के कार्य हेतु 31.38 लाख की स्वीकृति मिली थी. ग्रामीणों का आरोप है आठ साल बीत जीने के बाद आज तक एक इंच भी सड़क नहीं बन पाई है. ग्रामीणों चेतावनी दी है कि सड़क निर्माण कार्य शुरू हाने के बाद ही उनका आंदोलन वापस होगा.

पढ़ें- चमोली: औली और बदरीनाथ में फिर बर्फबारी, पर्यटकों के खिले चेहरे

इस मामले में लोक निर्माण विभाग गैरसैंण के अधिशासी अभियंता एमएस बैडवाल का कहना है कि प्रस्तावित मोटरमार्ग की कुल लंबाई तीन किलोमीटर है, सड़क के बीच में एक पुल का भी निर्माण होना है. जिसकी डीपीआर शासन को भेजी गई थी, जोकि स्वीकृत नहीं हो पाई. पुल की स्वीकृति होने के बाद ही सड़क निर्माण शुरू किया जाएगा. वहीं, एसडीएम गैरसैंण कौस्तुभ मिश्र ने बताया कि सेरा-तेवाखर्क मोटरमार्ग पर पुल का डिजाइन आईआईटी बीएचयू के लिए भेजा गया है. डिजाइन की स्वीकृत होते ही सड़क निर्माण शुरू हो जाएगा.

चमोली: उत्तराखंड बनने के 20 साल बाद भी लोग अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गैरसैंण विकासखंड गांव सेरा-तेवाखर्क में तीन किलोमीटर सड़क तो प्रस्तावित हुई और सड़क निर्माण के लिए बजट भी जारी हुआ लेकिन लापरवाही का आलम ऐसा कि आठ साल बीत जाने के बाद भी आज तक एक इंच सड़क नहीं बन पाई. सड़क निर्माण को लेकर अब ग्रामीणों ने गैरसैंण बाजार में सरकार के विरोध में जुलूस निकाला और तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं.

सड़क निर्माण को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीण.

सेरा-तेवाखर्क के ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए उन्होंने कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटे लेकिन ग्रामीणों की किसी भी अधिकारी ने नहीं सुनी. उनको मजबूर होकर भूख हड़ताल पर बैठना पड़ रहा है. उनका कहना है कि इस सड़क की मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी, बावजूद इसके आज तक सड़क नहीं बन पाई.

बता दें कि साल 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा सम्बंधित मोटर मार्ग निर्माण की घोषणा की गई थी. मुख्यमंत्री की घोषणा पर साल 2013 में तीन किलोमीटर सड़क निर्माण हेतु प्रथम चरण के कार्य हेतु 31.38 लाख की स्वीकृति मिली थी. ग्रामीणों का आरोप है आठ साल बीत जीने के बाद आज तक एक इंच भी सड़क नहीं बन पाई है. ग्रामीणों चेतावनी दी है कि सड़क निर्माण कार्य शुरू हाने के बाद ही उनका आंदोलन वापस होगा.

पढ़ें- चमोली: औली और बदरीनाथ में फिर बर्फबारी, पर्यटकों के खिले चेहरे

इस मामले में लोक निर्माण विभाग गैरसैंण के अधिशासी अभियंता एमएस बैडवाल का कहना है कि प्रस्तावित मोटरमार्ग की कुल लंबाई तीन किलोमीटर है, सड़क के बीच में एक पुल का भी निर्माण होना है. जिसकी डीपीआर शासन को भेजी गई थी, जोकि स्वीकृत नहीं हो पाई. पुल की स्वीकृति होने के बाद ही सड़क निर्माण शुरू किया जाएगा. वहीं, एसडीएम गैरसैंण कौस्तुभ मिश्र ने बताया कि सेरा-तेवाखर्क मोटरमार्ग पर पुल का डिजाइन आईआईटी बीएचयू के लिए भेजा गया है. डिजाइन की स्वीकृत होते ही सड़क निर्माण शुरू हो जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.