ETV Bharat / state

थराली: 7 साल से पुल की बाट जोह रहे ग्रामीण

author img

By

Published : Sep 26, 2020, 1:15 PM IST

सोल क्षेत्र में कई गांवों को जोड़ने वाला एकमात्र पुल साल 2013 की आपदा में बह गया था. इस घटना को 7 साल से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन सरकार आज तक नदी पर पुल का निर्माण नहीं करवा सकी. ऐसे में ग्रामीण जान हथेली पर रख कर आवाजाही करने को मजबूर हैं.

tharali
7 साल से पुल निर्माण का इंतजार कर रहे ग्रामीण

थराली: चमोली के थराली विकासखंड के सोल क्षेत्र में नदी उफान पर है. लोग जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. इस नदी पर बना पुल 7 साल पहले तेज बहाव में बह गया था. लेकिन तब से लेकर आज तक इस नदी पर पुल नहीं बन पाया है. ग्रामीणों ने नदी पर लकड़ी का पुल बनाया है, जिसपर से आवाजाही करते हैं. ऐसे में ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों के लोग झूठा दिलासा देकर चले जाते हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि थराली विधानसभा क्षेत्र के साल 2017 के आम चुनाव और 2018 में हुए उपचुनाव में सत्ता और विपक्ष के दर्जनों विधायक और सैकड़ों नेता वोट मांगने आए थे और ये कहकर लौट गए थे कि इस लकड़ी के पुल को झूला पुल में बदल देंगे. लेकिन उसके बाद किसी ने भी वापस मुड़ कर नहीं देखा. बरसात खत्म हो चुकी है. साथ ही लकड़ी के पुल की मियाद भी खत्म हो चुकी है. लेकिन स्थानीय लोग आज भी प्रदेश सरकार द्वारा पुल बनवाने की बाट जोह रहे हैं.

ये भी पढ़ें: नैनीताल में चलती पिकअप के ऊपर गिरा बोल्डर, एक व्यक्ति घायल

दरअसल साल 2013 में आई आपदा में थराली के सोल क्षेत्र में कई गांवों का एकमात्र संपर्क ढाडरबगड़ का पुल भी बह गया था. तब से लेकर आज तक 7 साल से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन रणकोट, गुमड, घुंघुटी सहित कई गांवों के लोग आज भी पुल बनने की आस लगाए बैठे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान सरकार को सत्ता दिलाने में सोल के 16 गांवों के लोगों का हाथ है. लेकिन ढाडरबगड़ से करीब आधा दर्जन गांवों को जोड़ने वाले पुल को राजनीतिक मुद्दा बना कर जनीतिक पार्टियों के लोग वोट बटोर ले जाते हैं.

ये भी पढ़ें: कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों को मिला बसपा का साथ

वहीं, पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि वो अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पुल चाहे जितनी देरी से बने लेकिन बरसात के समय में ग्रामीणों की आवाजाही करने के लिए कम से कम एक ट्रॉली का इंतजाम तो कर ही दिया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि वो क्षेत्रीय विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक पुल निर्माण की मांग कई बार कर चुके हैं, लेकिन कागजी कार्रवाई के आगे और कुछ नहीं होता.

थराली: चमोली के थराली विकासखंड के सोल क्षेत्र में नदी उफान पर है. लोग जान हथेली पर रखकर आवाजाही करने को मजबूर हैं. इस नदी पर बना पुल 7 साल पहले तेज बहाव में बह गया था. लेकिन तब से लेकर आज तक इस नदी पर पुल नहीं बन पाया है. ग्रामीणों ने नदी पर लकड़ी का पुल बनाया है, जिसपर से आवाजाही करते हैं. ऐसे में ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय राजनीतिक पार्टियों के लोग झूठा दिलासा देकर चले जाते हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि थराली विधानसभा क्षेत्र के साल 2017 के आम चुनाव और 2018 में हुए उपचुनाव में सत्ता और विपक्ष के दर्जनों विधायक और सैकड़ों नेता वोट मांगने आए थे और ये कहकर लौट गए थे कि इस लकड़ी के पुल को झूला पुल में बदल देंगे. लेकिन उसके बाद किसी ने भी वापस मुड़ कर नहीं देखा. बरसात खत्म हो चुकी है. साथ ही लकड़ी के पुल की मियाद भी खत्म हो चुकी है. लेकिन स्थानीय लोग आज भी प्रदेश सरकार द्वारा पुल बनवाने की बाट जोह रहे हैं.

ये भी पढ़ें: नैनीताल में चलती पिकअप के ऊपर गिरा बोल्डर, एक व्यक्ति घायल

दरअसल साल 2013 में आई आपदा में थराली के सोल क्षेत्र में कई गांवों का एकमात्र संपर्क ढाडरबगड़ का पुल भी बह गया था. तब से लेकर आज तक 7 साल से अधिक का समय बीत चुका है. लेकिन रणकोट, गुमड, घुंघुटी सहित कई गांवों के लोग आज भी पुल बनने की आस लगाए बैठे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान सरकार को सत्ता दिलाने में सोल के 16 गांवों के लोगों का हाथ है. लेकिन ढाडरबगड़ से करीब आधा दर्जन गांवों को जोड़ने वाले पुल को राजनीतिक मुद्दा बना कर जनीतिक पार्टियों के लोग वोट बटोर ले जाते हैं.

ये भी पढ़ें: कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों को मिला बसपा का साथ

वहीं, पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि वो अब खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं. ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि पुल चाहे जितनी देरी से बने लेकिन बरसात के समय में ग्रामीणों की आवाजाही करने के लिए कम से कम एक ट्रॉली का इंतजाम तो कर ही दिया जाए. ग्रामीणों का कहना है कि वो क्षेत्रीय विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक पुल निर्माण की मांग कई बार कर चुके हैं, लेकिन कागजी कार्रवाई के आगे और कुछ नहीं होता.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.