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गोपेश्वर के नैगवाड़ में भारी बारिश के चलते तहस-नहस हुई पार्किंग, मलबे में दबे कई वाहन

गोपेश्वर के नैगवाड़ में देर रात हुई भारी बारिश के चलते मलबा पार्किंग पर आ गया है. जिससे कई वाहन मलबे की चपेट में आ गए हैं. इसी बीच प्रशासन की अनदेखी देखने को मिली है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है.

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Published : Jun 29, 2023, 1:15 PM IST

भारी बारिश के चलते पार्किंग पर आया मलबा

चमोली: जिला मुख्यालय गोपेश्वर के नैगवाड़ में देर रात हुई भारी बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. दरअसल बरसात की वजह से पार्किंग पर मलबा आने के कारण कई वाहन उसकी चपेट में आ गए हैं. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर आपदा प्रबंधन और नगर पालिका प्रशासन को इस संबंध में सूचना दी, लेकिन इस दौरान संबंधित विभाग की उदासीनता नजर आई.

स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे और आपदा प्रबंधन और नगर पालिका प्रशासन को जानकारी दी. लेकिन आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं पहुंचा. उन्होंने आरोप लगाया कि एनएच बदरीनाथ केदारनाथ पर, जो जालियां लगाई गई हैं, वह इस आपदा का कारण हैं.
ये भी पढ़ें: चमोली में देखते ही देखते ढह गया पूरा पहाड़, बदरीनाथ नेशनल हाईवे हुआ बंद

पूर्व में भी नगरपालिका और एनएच को इस संबंध में सूचित किया गया था. इसके बावजूद भी सड़क से जालियां नहीं हटाई गई. जिसका खामियाजा आज झेलना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जब जिला मुख्यालय में आपदा के समय इस तरह के हालात हैं, तो विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आपदा के दौरान क्या स्थिति हो सकती है. वहीं, समय पर आपदा प्रबंधन और नगर पालिका के अधिकारी नहीं पहुंचने पर लोगों में रोष है.
ये भी पढ़ें: मॉनसून की पहली बारिश में बह गई नैनीताल की ये महत्वपूर्ण सड़क, कई गांवों से कटा संपर्क

भारी बारिश के चलते पार्किंग पर आया मलबा

चमोली: जिला मुख्यालय गोपेश्वर के नैगवाड़ में देर रात हुई भारी बारिश लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. दरअसल बरसात की वजह से पार्किंग पर मलबा आने के कारण कई वाहन उसकी चपेट में आ गए हैं. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर आपदा प्रबंधन और नगर पालिका प्रशासन को इस संबंध में सूचना दी, लेकिन इस दौरान संबंधित विभाग की उदासीनता नजर आई.

स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही वह मौके पर पहुंचे और आपदा प्रबंधन और नगर पालिका प्रशासन को जानकारी दी. लेकिन आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन की ओर से कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति मौके पर नहीं पहुंचा. उन्होंने आरोप लगाया कि एनएच बदरीनाथ केदारनाथ पर, जो जालियां लगाई गई हैं, वह इस आपदा का कारण हैं.
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पूर्व में भी नगरपालिका और एनएच को इस संबंध में सूचित किया गया था. इसके बावजूद भी सड़क से जालियां नहीं हटाई गई. जिसका खामियाजा आज झेलना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि जब जिला मुख्यालय में आपदा के समय इस तरह के हालात हैं, तो विषम भौगोलिक परिस्थितियों में रहने वाले ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की आपदा के दौरान क्या स्थिति हो सकती है. वहीं, समय पर आपदा प्रबंधन और नगर पालिका के अधिकारी नहीं पहुंचने पर लोगों में रोष है.
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