ETV Bharat / state

1 जून से पर्यटकों के लिए खुलेगी फूलों की घाटी, बर्फबारी के चलते दो जगहों पर रास्ता बंद

समुद्रतल से 3962 मीटर (12995 फीट) की ऊंचाई पर 87.5 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली विश्व धरोहर फूलों की घाटी को 1 जून से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. जिसको लेकर नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान तैयारी कर रहा है. हालांकि भारी बर्फबारी के कारण 2 जगह रास्ता बंद है.

Flower of Vally
फूलों की घाटी
author img

By

Published : Apr 6, 2022, 5:38 PM IST

चमोलीः विश्व प्रसिद्व फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खुल जाएगी. इसके तहत पार्क प्रशासन द्वारा जल्द ही घाटी को जोड़ने वाले मार्ग को भी दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इन दिनों फूलों की घाटी क्षेत्र से भम्रण कर लौटे 11 सदस्यीय दल ने बताया कि वामणधोड़ एवं द्वारीपूल के पास बड़ी तादाद में हिमखंड टूटने से फूलों की घाटी तक जाने वाला रास्ता बंद है. जिसके बाद टीम भी आधे रास्ते से ही वापस लौट आई है.

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक प्रेम बल्लभ शर्मा ने बताया कि पार्क प्रशासन की टीम को फूलों की घाटी क्षेत्र में जंगली जानवरों का शिकार करने वाले शिकारियों की तलाश में रैकी के लिए समय-समय पर भेजा जाता है. रैकी कर वापस लौटी टीम के सदस्यों ने बताया कि इस साल फूलों की घाटी जाने वाला मार्ग कई स्थानों पर बर्फ के कारण क्षतिग्रस्त है. बजट आने के बाद ही मार्ग ठीक किया जाएगा. 1 जून से पहले ही फूलों की घाटी तक मार्ग दुरुस्त कर दिया जाएगा.

ये फूल हैं घाटी की शानः नवम्बर से मई माह के मध्य घाटी अधिकतर हिमाच्छादित रहती है. जुलाई एवं अगस्त माह के दौरान एल्पाइन जड़ी की छाल की पंखुडियों में रंग छिपे रहते हैं. यहां सामान्यतः पाये जाने वाले फूलों के पौधों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान इत्यादि प्रमुख हैं.
ये भी पढ़ेंः स्वर्ग से कम नहीं छियालेख में स्थित 'फूलों की घाटी', एक बार जिसने देखा वो कभी नहीं भूल पाया

यूनेस्को ने घोषित किया राष्ट्रीय उद्यानः फूलों की यह घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है. इसे यूनेस्को ने 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया है. बर्फीले पर्वतों से घिरी हुई यह घाटी बेहद खूबसूरत है. यहां आपको फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी. फूलों की घाटी भ्रमण के लिए जुलाई, अगस्त एवं सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है. सितंबर में यहां ब्रह्मकमल खिलते हैं.

चमोलीः विश्व प्रसिद्व फूलों की घाटी एक जून से पर्यटकों के लिए खुल जाएगी. इसके तहत पार्क प्रशासन द्वारा जल्द ही घाटी को जोड़ने वाले मार्ग को भी दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इन दिनों फूलों की घाटी क्षेत्र से भम्रण कर लौटे 11 सदस्यीय दल ने बताया कि वामणधोड़ एवं द्वारीपूल के पास बड़ी तादाद में हिमखंड टूटने से फूलों की घाटी तक जाने वाला रास्ता बंद है. जिसके बाद टीम भी आधे रास्ते से ही वापस लौट आई है.

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक प्रेम बल्लभ शर्मा ने बताया कि पार्क प्रशासन की टीम को फूलों की घाटी क्षेत्र में जंगली जानवरों का शिकार करने वाले शिकारियों की तलाश में रैकी के लिए समय-समय पर भेजा जाता है. रैकी कर वापस लौटी टीम के सदस्यों ने बताया कि इस साल फूलों की घाटी जाने वाला मार्ग कई स्थानों पर बर्फ के कारण क्षतिग्रस्त है. बजट आने के बाद ही मार्ग ठीक किया जाएगा. 1 जून से पहले ही फूलों की घाटी तक मार्ग दुरुस्त कर दिया जाएगा.

ये फूल हैं घाटी की शानः नवम्बर से मई माह के मध्य घाटी अधिकतर हिमाच्छादित रहती है. जुलाई एवं अगस्त माह के दौरान एल्पाइन जड़ी की छाल की पंखुडियों में रंग छिपे रहते हैं. यहां सामान्यतः पाये जाने वाले फूलों के पौधों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान इत्यादि प्रमुख हैं.
ये भी पढ़ेंः स्वर्ग से कम नहीं छियालेख में स्थित 'फूलों की घाटी', एक बार जिसने देखा वो कभी नहीं भूल पाया

यूनेस्को ने घोषित किया राष्ट्रीय उद्यानः फूलों की यह घाटी 87.50 किमी वर्ग क्षेत्र में फैली है. इसे यूनेस्को ने 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया है. बर्फीले पर्वतों से घिरी हुई यह घाटी बेहद खूबसूरत है. यहां आपको फूलों की 500 से अधिक प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी. फूलों की घाटी भ्रमण के लिए जुलाई, अगस्त एवं सितंबर के महीनों को सर्वोत्तम माना जाता है. सितंबर में यहां ब्रह्मकमल खिलते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.