चमोली: विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी को कल शीतकाल के लिए बंद कर दिया जाएगा. फूलों की घाटी के बंद होने के बाद घांघरिया से आगे वन विभाग के कर्मचारियों को छोड़कर किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी. कोरोना संक्रमण के चलते इस साल फूलों की घाटी को एक अगस्त से पर्यटकों के लिए खोला गया था.
बता दें कि पिछले वर्षों फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए 1 जून को खोल दी जाती थी. मगर इस बार कोरोना संक्रमण के कारण इसे 2 माह देरी से खोला गया. इस साल 910 पर्यटकों ने फूलों की घाटी के दीदार किये. जिसमें से 10 विदेशी पर्यटक भी फूलों की घाटी पहुंचे थे.
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चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी बृजेश पांडे ने बताया कि शीतकाल के लिए 31 अक्टूबर से फूलों की घाटी को बंद कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस साल 910 पर्यटक फूलों की घाटी पहुंचे थे.
जैव विविधता का खजाना
87.5 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैली विश्व धरोहर फूलों की घाटी को जैवविविधता के खजाने के रूप में जाना जाता है. यहां प्राकृतिक रूप से खिलने वाली 500 से अधिक प्रजातियों के फूल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. साथ ही घाटी में दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीवों, पशु-पक्षियों का संसार भी यहां बसता है. इस खूबसूरत घाटी के दीदार के लिए हर साल हजारों देशी विदेशी पर्यटक यहां आते हैं. इन्हीं खूबियों को देख यूनेस्को ने 2005 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था.