चमोलीः जिले में दो मुख्य मोटर पुलों की स्थिति काफी समय से दयनीय बनी हुई है. ये दोनों पुल विकासखंड घाट स्थित तहसील मुख्यालय को बाहरी दुनिया से जोड़ते हैं. इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. लोक निर्माण विभाग कर्णप्रयाग की लापरवाही के चलते दोनों पुलों की हालत दयनीय बनी हुई है.
साथ ही स्थानीय लोगो द्वारा कूड़ा भी पुलों से सीधे नीचे नंदाकिनी नदी और चुफ्लागाड नदी में फेंका जाता है, जिससे घाट क्षेत्र के दोनों पुल क्षतिग्रस्त होने के साथ-साथ नदी भी प्रदूषित हो रही है.
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलों पर दोनों ओर जालियां लगाने की मांग की है ,ताकि लोग कूड़ा पुल से नदी में न फेंक सकें. दरसअल, घाट विकासखंड के मुख्य बाजार में स्थित कुरुड़ पुल और भेटी पुल सम्पूर्ण घाट की लाइफलाइन हैं, लेकिन इन दिनों दोनों पुल क्षतिग्रस्त होने की कगार पर खड़े हैं.
स्थानीय लोगों द्वारा आये दिन पुल से कूड़ा नदी में फेंका जाता है. ऐसे में कूड़ा पुलों के गार्डरों में फंस जाता है. गार्डरों में अटके कूड़े की साफ-सफाई न होने के कारण पुलों पर जंग लग रहा है और पुलों के सरिया भी साफ नजर आने लगे हैं. जो कि आने वाले समय के लिए बड़ा खतरा बन रहा है.
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वहीं लोक निर्माण विभाग कर्णप्रयाग द्वारा मार्च माह में सरकारी धन को ठिकाने लगाने के लिए पुलों में महज खानापूर्ति के लिए रंग रोगन कार्य तो किया जाता है, लेकिन वह भी बगैर गुणवत्ता के किया जाता है, जिससे स्थानीय जनप्रतिनिधियों में खासा रोष है.
व्यापार संघ अध्यक्ष चरण सिंह और स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पुलों से नदियों में कूड़ा डाला जाता है ,जिससे नदियां प्रदूषित हो रही हैं. इस कारण घाट बाजार के दोनों पुल समय से पहले क्षतिग्रस्त होने की कगार पर पहुंच चुके हैं. उन्होंने मांग की है कि दोनों पुलों पर जालियां लगाई जाएं जिससे लोग नदी में कूड़ा न फेंक और पुल भी सुरक्षित रह सकें.