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पतंजलि चारे के नाम पर 57 हजार की साइबर ठगी, बिहार से दो आरोपी गिरफ्तार

चमोली पुलिस ने पतंजलि चारे के नाम पर देशभर में साइबर ठगी कर लाखों का चूना लगाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया है.

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पतंजलि गाय चारा
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Published : Mar 16, 2022, 8:06 PM IST

Updated : Mar 16, 2022, 8:14 PM IST

चमोलीः पतंजलि चारे के नाम पर देशभर में साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो आरोपियों को चमोली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया है. चमोली पुलिस दोनों अभियुक्तों को ट्रांजिट रिमांड पर बिहार से चमोली लेकर पहुंची है. पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. चमोली पुलिस के मुताबिक बीते अक्टूबर 2021 को संजय सिंह चौहान निवासी ग्राम भ्यूंडार चमोली निवासी ने गोविदघाट पुलिस चौकी में लिखित तहरीर दी थी.

तहरीर में बताया कि उनके पिता ने गूगल के माध्यम से ऑनलाइन पतंजलि गाय चारा मंगवाने के लिए नंबर सर्च किया था. सर्च की गई जानकारी पर डॉ सुनील गुप्ता पंतजलि मोबाइल नंबर 6290480709 प्रदर्शित हुआ. जिस नंबर पर काल करने पर उक्त व्यक्ति ने चारे की डिलीवरी के लिए 9860 रुपये की मांग की. 5 अक्टूबर को 5100 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस और 25,000 रुपये सिक्योरिटी के तौर पर धनराशि की मांग की.

जिसका भुगतान गूगल पे द्वारा किया गया. इसके बाद 6 अक्टूबर को एक बार फिर 17,220 रुपये की मांग की. इस राशि का भुगतान पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पंजाब नेशनल बैंक बहादराबाद हरिद्वार की शाखा के नाम पर किया गया. इसके बाद भी उनको गाय का चारा नहीं पहुंचाया गया. पतंजलि के नाम पर कुल 57,180 रुपये की धोखाधड़ी की गई. मामले की शिकायत के आधार पर थाना गोविदघाट में मुकदमा दर्ज किया गया.

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी श्वेता चौबे ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संयुक्त टीम गठित की. टीम ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों तथा अभियुक्तों द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी ली. सर्विलांस सेल एवं आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर आरोपितों की लोकेशन के संबंध में जानकारी ली गई तो ज्ञात हुआ कि आरोपित पटना बिहार में छिपे हुए हैं. जिस पर तत्काल टीम को बिहार रवाना किया गया.

पुलिस ने मामले में संलिप्त परमानन्द निवासी भगवान गंज और राजा बाबू निवासी भगवान गंज को भगवानगंज बिहार से गिरफ्तार किया. स्थानीय न्यायालय में ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें उत्तराखंड लाया गया. आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह संगठित गिरोह बनाकर देशभर में कई लोग के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं. मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है. एसपी ने पुलिस टीम को 2500 का नगद इनाम देने की घोषणा भी की है.

ये भी पढ़ेंः महंगी साइकिल चोरी करने वाले गैंग का खुलासा, हरिद्वार पुलिस ने 3 आरोपी पकड़े

पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चौबे ने बताया कि साइबर ठगी के मामले में अभियुक्तों से पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि यह संगठित गिरोह देशभर में कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं. आरोपी राजा बाबू द्धारा बताया गया कि वह खाता खुलवाने व मोबाइल नंबर को लिंक करवाने के मुख्य एजेंट के रूप में कार्य करता है.

हमारे ग्रुप का लीडर आजाद है जो नालंदा बिहार का रहने वाला है. मैं और आजाद ग्रुप के अन्य लोगों के साथ मिलकर गांव के भोले भाले लोगों को विश्वास में लेकर यह बताकर कि आपके खाते में सरकारी योजनाओं के पैसें आएंगे. जिसके बाद उनके बैंक खाते खुलवाते थे.

गिरोह के मास्टरमाइंड द्धारा मुझे 5000 रुपये एवं फर्जी सिम लाकर दिया जाता है और बताया जाता है कि जब भी आप कोई खाता खुलावाओ, उसमें ये फर्जी आईडी से लिए नंबर को रजिस्टर करवा देना. खाता खुलवाने व फर्जी आईडी से लिए मोबाइल नंबर को लिंक करवाने के बाद गिरोह के मास्टरमाइंड को एटीएम कार्ड व फर्जी सिम दे देते हैं, जिससे वो लेन देन कर सके. जिसमें 2500 रुपये में खाताधारक के खाते में डालता हूं व 2500 रुपये कमीशन के तौर पर अपने लिए रखता हूं. वहीं, आरोपी आजाद की गिरफ्तारी के लिए नालंदा बिहार में दबिश देने की तैयारी में है.

चमोलीः पतंजलि चारे के नाम पर देशभर में साइबर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के दो आरोपियों को चमोली पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया है. चमोली पुलिस दोनों अभियुक्तों को ट्रांजिट रिमांड पर बिहार से चमोली लेकर पहुंची है. पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. चमोली पुलिस के मुताबिक बीते अक्टूबर 2021 को संजय सिंह चौहान निवासी ग्राम भ्यूंडार चमोली निवासी ने गोविदघाट पुलिस चौकी में लिखित तहरीर दी थी.

तहरीर में बताया कि उनके पिता ने गूगल के माध्यम से ऑनलाइन पतंजलि गाय चारा मंगवाने के लिए नंबर सर्च किया था. सर्च की गई जानकारी पर डॉ सुनील गुप्ता पंतजलि मोबाइल नंबर 6290480709 प्रदर्शित हुआ. जिस नंबर पर काल करने पर उक्त व्यक्ति ने चारे की डिलीवरी के लिए 9860 रुपये की मांग की. 5 अक्टूबर को 5100 रुपये रजिस्ट्रेशन फीस और 25,000 रुपये सिक्योरिटी के तौर पर धनराशि की मांग की.

जिसका भुगतान गूगल पे द्वारा किया गया. इसके बाद 6 अक्टूबर को एक बार फिर 17,220 रुपये की मांग की. इस राशि का भुगतान पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, पंजाब नेशनल बैंक बहादराबाद हरिद्वार की शाखा के नाम पर किया गया. इसके बाद भी उनको गाय का चारा नहीं पहुंचाया गया. पतंजलि के नाम पर कुल 57,180 रुपये की धोखाधड़ी की गई. मामले की शिकायत के आधार पर थाना गोविदघाट में मुकदमा दर्ज किया गया.

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी श्वेता चौबे ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संयुक्त टीम गठित की. टीम ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों तथा अभियुक्तों द्वारा शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी ली. सर्विलांस सेल एवं आधुनिक तकनीकों का प्रयोग कर आरोपितों की लोकेशन के संबंध में जानकारी ली गई तो ज्ञात हुआ कि आरोपित पटना बिहार में छिपे हुए हैं. जिस पर तत्काल टीम को बिहार रवाना किया गया.

पुलिस ने मामले में संलिप्त परमानन्द निवासी भगवान गंज और राजा बाबू निवासी भगवान गंज को भगवानगंज बिहार से गिरफ्तार किया. स्थानीय न्यायालय में ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें उत्तराखंड लाया गया. आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह संगठित गिरोह बनाकर देशभर में कई लोग के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं. मामले में अग्रिम कार्रवाई की जा रही है. एसपी ने पुलिस टीम को 2500 का नगद इनाम देने की घोषणा भी की है.

ये भी पढ़ेंः महंगी साइकिल चोरी करने वाले गैंग का खुलासा, हरिद्वार पुलिस ने 3 आरोपी पकड़े

पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चौबे ने बताया कि साइबर ठगी के मामले में अभियुक्तों से पूछताछ में यह तथ्य प्रकाश में आया है कि यह संगठित गिरोह देशभर में कई लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं. आरोपी राजा बाबू द्धारा बताया गया कि वह खाता खुलवाने व मोबाइल नंबर को लिंक करवाने के मुख्य एजेंट के रूप में कार्य करता है.

हमारे ग्रुप का लीडर आजाद है जो नालंदा बिहार का रहने वाला है. मैं और आजाद ग्रुप के अन्य लोगों के साथ मिलकर गांव के भोले भाले लोगों को विश्वास में लेकर यह बताकर कि आपके खाते में सरकारी योजनाओं के पैसें आएंगे. जिसके बाद उनके बैंक खाते खुलवाते थे.

गिरोह के मास्टरमाइंड द्धारा मुझे 5000 रुपये एवं फर्जी सिम लाकर दिया जाता है और बताया जाता है कि जब भी आप कोई खाता खुलावाओ, उसमें ये फर्जी आईडी से लिए नंबर को रजिस्टर करवा देना. खाता खुलवाने व फर्जी आईडी से लिए मोबाइल नंबर को लिंक करवाने के बाद गिरोह के मास्टरमाइंड को एटीएम कार्ड व फर्जी सिम दे देते हैं, जिससे वो लेन देन कर सके. जिसमें 2500 रुपये में खाताधारक के खाते में डालता हूं व 2500 रुपये कमीशन के तौर पर अपने लिए रखता हूं. वहीं, आरोपी आजाद की गिरफ्तारी के लिए नालंदा बिहार में दबिश देने की तैयारी में है.

Last Updated : Mar 16, 2022, 8:14 PM IST
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