गोपेश्वरः बदरीनाथ हाईवे पर 40 साल से अधिक समय से भूस्खलन के चलते नासूर बना लामबगड़ भूस्खलन जोन भले ही इस बार शांत हो, लेकिन इससे सटे क्षेत्र में नया भूस्खलन जोन बन गया है. हल्की बारिश में यह भूस्खलन जोन कहर बरपा रहा है. इससे यात्रियों सहित आम नागरिकों को खासी परेशानी हो रही है.
बदरीनाथ हाईवे पर लामबगड़ भूस्खलन जोन परेशानी का सबब बना हुआ है. 2013 के आपदा में इसका और विस्तार हो गया. आपदा के बाद से ही इसके स्थायी ट्रीटमेंट की कार्ययोजना बनाई गई और विदेशी इंजीनियरों से भी राय ली गई. पहले तो नदी के किनारे चेकडैम बनाकर भू-कटाव रोकने का प्रयास हुआ, लेकिन यह निर्माण के दौरान ही आपदा की भेंट चढ़ गया.
फिर नदी के किनारे से ही दीवार खड़ी कर यहां पर चौड़ी सड़क बनाई गई. पहाड़ी से भूस्खलन रोकने के लिए जाल बिछाया गया. इस पूरी योजना पर करीब 98 लाख रुपए खर्च हुए. साल 2020 से यह भूस्खलन जोन तो स्थायी ट्रीटमेंट के बाद शांत हो गया, परंतु इसके पास ही लामबगड़ टू के नाम से नया भूस्खलन जोन उभर आया है.
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इस यात्रा सीजन में मॉनसून के दौरान हर दिन यहां पर हाईवे बाधित हो रहा है. इससे लगे खचड़ानाला के भी उफान पर आने से हाईवे पर ट्रैफिक रोकना पड़ रहा है. इस भूस्खलन जोन में वाहनों की आवाजाही के लिए एसडीआरएफ व पुलिस हर समय तैनात है.
चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि, खचड़ानाला भूस्खलन जोन में बीआरओ की ओर से पुल बनाया जाना है. पुल निर्माण से समस्या सुलझ जाएगी. जबकि, लामबगड़ नाला लोनिवि से बीआरओ को हस्तांरित हो गया है. बीआरओ को इस 500 मीटर क्षेत्र में स्थाई ट्रीटमेंट के लिए कार्ययोजना बनाने को कहा गया है.