थराली: 2017 विधानसभा चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम बनाने की घोषणा की थी. जिसके बाद उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कारगिल दिवस के मौके पर राज्य में चार धामों के बाद एक और सैन्यधाम बनाने की घोषणा की थी. वहीं अब इस घोषण को अमलीजामा पहनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं.
राज्य में देश के पहले सैन्य धाम बनाने की तैयार शुरू हो गई है. वहीं, सैन्य धाम को हर गांव से जोड़ने और जीवंत बनाने के लिए शहीदों के घर की मिट्टी धाम में रखी जायेगी. इसी के तहत एक टीम बीते दिनों देवाल के सैनिक बाहुल्य गांव सवाड़ भी पहुंची थी. सवाड एक ऐसा गांव है जिसे वीर भूमि के नाम से भी जाना जाता है. यहां के वीर सैनिकों ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर प्रथम विश्व युद्ध ,द्वितीय विश्वयुद्ध, पेशावर कांड ऑपरेशन ब्लू स्टार, बांग्लादेश युद्ध में भी देशरक्षा के लिए युद्ध में भाग लेकर देश का मान सम्मान बढ़ाया था. ऐसे में यहां के ग्रामीण अपने पुरखों की वीरता और शहादत को याद करते हुए सवाड़ गांव में ही सैन्य धाम बनाने की मांग कर रहे हैं. गांव के ग्रामीणों ने अपनी इस मांग को लेकर सूबे के वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी ज्ञापन भेजा है. इस गांव के वीर सैनिकों का इतिहास बड़ा ही गौरवशाली इतिहास रहा है.
पढ़ें:पेशवाई में जमकर थिरके बंशीधर भगत और दीपक रावत, देखें वीडियो
वीर जवानों में देश की रक्षा के जज्बे का अंदाजा इस गांव के इतिहास से लगाया जा सकता है. वीरों की इस भूमि से प्रथम विश्वयुद्ध में 22, द्वितीय विश्व युद्ध मे 38, पेशावर कांड में 14, सैनिकों ने भाग लिया इसके साथ ही 18 जवानों ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए आजाद हिंद फौज की राह चुनी. वर्तमान में भी 120 वीर सैन्य सेवाओं में सेवारत हैं. इन्हीं पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को वर्ष 2008 से हर वर्ष श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए 7 दिसम्बर को सशस्त्र झंडा दिवस के अवसर पर सवाड़ में शहीद मेले का आयोजन किया जाता है.