विकासनगर/चमोली/उत्तरकाशी/पिथौरागढ़ः देवभूमि में मार्च महीने में हो रही बर्फबारी से एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. पहाड़ में हो रही बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है. विकासनगर के जौनसार बावर में 3 दिनों से हो रही बारिश से एक बार फिर तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. वहीं चकराता की ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी से लोखंडी, मुंडाली, देवगन आदि ऊंची पर्वत श्रृंखलाएं सफेद चादर से ढक गई हैं.
चकराता-त्यूणी मार्ग पर लोखंडी के पास भारी बारिश के चलते वाहनों का आगमन ठप्प रहा. वहीं बात अगर चमोली की करें तो बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, औली, नीति घाटी, माणा घाटी, थराली विकासखंड, पोखरी विकासखंड, गैरसैंण, दशोली विकासखंड आदि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार हिमपात हो रहा है.
बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी सहित औली में शुक्रवार दोपहर से हो रही बर्फबारी से 2 से 3 फिट तक की बर्फ जम गई है. भारत चीन सीमा पर स्थित दर्जनों गांवों में भी जमकर बर्फबारी हो रही है.
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वहीं उत्तरकाशी जनपद के उपला टकनौर क्षेत्र सहित बड़कोट और मोरी में शनिवार सुबह से भारी बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी होने से गंगोत्री हाईवे बन्द है. साथ ही यमुना हाईवे भी फूलचट्टी के पास बंद पड़ा हुआ है.
गंगोत्री हाईवे झाला के समीप बन्द होने के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा का जिला मुख्यालय से सम्पर्क कट गया है. जानकारी के अनुसार बीआरओ ने दोपहर तक हर्षिल तक गंगोत्री हाईवे खोल दिया था, लेकिन दोबारा भारी बर्फबारी के कारण अब झाला तक ही मार्ग खुला हुआ है.
वहीं पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में भारी बर्फबारी ने लोगों की मुसीबतें बड़ा दी हैं. बर्फबारी के चलते थल-मुनस्यारी मोटर मार्ग एक बार फिर बंद हो गया है. सड़क बंद होने कई यात्रियों और पर्यटक मार्ग में फंसे हुए हैं. भारी बर्फबारी के कारण बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं होली को लेकर लोग मायूस नजर आ रहें हैं.
बीते रोज से ही निचले इलाकों में बरसात और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है. जिले भर में शीतलहर के साथ ठंड ने फिर से दस्तक दी है. भारी बर्फबारी के चलते बेटूलिधार से कालामुनि तक 10 किलोमीटर मार्ग बीती (शुक्रवार) रात से ही बाधित है.
लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग को खोलने की कोशिश की गई, मगर लगातार हो रही बर्फबारी के चलते मार्ग नहीं खुल पाया है. प्रशासन का कहना है कि सड़क मार्ग को खोलने के लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. साथ ही ठंड के मद्देनजर अलाव और रैन बसेरे की भी व्यवस्था की गई है.