चमोली: जन्माष्टमी के पर्व पर कृष्ण मंदिरों में कृष्ण जन्मोत्सव को लेकर भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है. इसी क्रम में आज भगवान बदरी विशाल के मंदिर में भी कृष्ण जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. साथ ही गोपीनाथ मंदिर में भी कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी, इसलिए सुबह से ही भक्तों का तांता लगा हुआ है.
गोपीनाथ मंदिर में मनाया जाएगा कृष्ण जन्मोत्सव: गोपेश्वर में भगवान गोपीनाथ का पौराणिक मंदिर स्थित है. वैसे तो यह भगवान शिव का मंदिर है, लेकिन गोपीनाथ शब्द जुड़ने से आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में बड़ी संख्या में भक्त एकत्रित होते हैं.
गोपी का रूप धारण कर भगवान शिव पहुंचे थे वृंदावन: पेश्वर गांव निवासी पुजारी और वरिष्ठ पत्रकार क्रांति प्रसाद भट्ट ने बताया कि पौराणिक काल में भगवान शिव आराधना में बैठे थे. उनको लगा कि उन्हें भगवान श्रीकृष्ण से मिलने के लिए वृंदावन जाना चाहिए. जिस स्थान पर आज गोपीनाथ मंदिर है, उसी स्थान पर भगवान शिव ने गोपी का रूप धारण किया और वृंदावन पहुंच गए. लेकिन भगवान कृष्ण ने गोपी रूप धारण किए भगवान शिव को पहचान लिया और भगवान शिव को गोपीनाथ के नाम से जाना जाने लगा.
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मंदिर में 6-6 माह शिव और कृष्ण की होती है पूजा: भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि जिस स्थान से आपने यह रूप धारण किया है, उसी स्थान से आपको आज के बाद गोपीनाथ के रूप से जाना और पूजा जाएगा. आज भी गोपीनाथ मंदिर में 6-6 माह शिव और कृष्ण की पूजा की जाती है. यह भी कहा जाता है कि जब भगवान शिव अपनी तपस्या में लीन थे, तो इसी स्थान पर उनके कोप का भाजन कामदेव को भी बनना पड़ा था. भगवान गोपीनाथ मंदिर चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन गद्दी स्थल भी है.
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