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चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद, गोपीनाथ मंदिर में हुए विराजमान - रुद्रनाथ मंदिर कपाट बंद

चमोली स्थित चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट पूजा-अर्चना के बाद बंद कर दिए गए. भगवान रुद्रनाथ की डोली को गोपीनाथ मंदिर में विराजमान करवा दिया गया है. जिसके बाद अब अगले सात माह तक भक्तों को भगवान रुद्रनाथ के दर्शन गोपीनाथ मंदिर में ही होंगे.

भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद
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Published : Oct 19, 2019, 2:38 AM IST

चमोली: वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ बीते शुक्रवार को पंचकेदारों में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. जिसके बाद अब भगवान रुद्रनाथ गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रहेंगे. शीतकाल में अगले सात माह तक भगवान रुद्रनाथ के दर्शन गोपीनाथ मंदिर में ही होंगे.

भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद

11800 फीट की ऊंचाई पर हरे भरे बुग्यालों के बीच पंच केदारों में से चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ का प्राचीन मंदिर स्थित है. जिसके कपाट बीते शुक्रवार विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद आचार्यों द्वारा बंद कर दिये गये. जिसके बाद रुद्रनाथ भगवान की चल विगृह डोली और मूर्ति को लेकर 24 किलोमीटर दूर गोपेश्वर नगर स्थित गोपीनाथ मंदिर ले जाया गया.

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रुद्रनाथ की उत्सव डोली सगर गांव में स्थित प्राचीन सकलेश्वर मंदिर से होते हुए गोपीनाथ मंदिर पहुंची. जहां सैकड़ों भक्तों ने रुद्रनाथ भगवान की पूजा अर्चना कर उनका स्वागत किया. जिसके बाद रुद्रनाथ भगवान को गोपीनाथ मंदिर में विराजमान करवा दिया गया. बता दें कि इस बार 30 हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने रुद्रनाथ भगवान के दर्शन किये.

चमोली: वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ बीते शुक्रवार को पंचकेदारों में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं. जिसके बाद अब भगवान रुद्रनाथ गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रहेंगे. शीतकाल में अगले सात माह तक भगवान रुद्रनाथ के दर्शन गोपीनाथ मंदिर में ही होंगे.

भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद

11800 फीट की ऊंचाई पर हरे भरे बुग्यालों के बीच पंच केदारों में से चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ का प्राचीन मंदिर स्थित है. जिसके कपाट बीते शुक्रवार विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद आचार्यों द्वारा बंद कर दिये गये. जिसके बाद रुद्रनाथ भगवान की चल विगृह डोली और मूर्ति को लेकर 24 किलोमीटर दूर गोपेश्वर नगर स्थित गोपीनाथ मंदिर ले जाया गया.

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रुद्रनाथ की उत्सव डोली सगर गांव में स्थित प्राचीन सकलेश्वर मंदिर से होते हुए गोपीनाथ मंदिर पहुंची. जहां सैकड़ों भक्तों ने रुद्रनाथ भगवान की पूजा अर्चना कर उनका स्वागत किया. जिसके बाद रुद्रनाथ भगवान को गोपीनाथ मंदिर में विराजमान करवा दिया गया. बता दें कि इस बार 30 हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने रुद्रनाथ भगवान के दर्शन किये.

स्लग---रुद्रनाथ कपाट बंद।

रिपोर्ट--लक्ष्मण राणा --चमोली


एंकर

वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान से शुक्रवार को पंचकेदारों में चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। देर शाम को भगवान रुद्रनाथ गोपीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं। अब शीतकाल में सात माह तक भगवान रुद्रनाथ जी के दर्शन गोपीनाथ मंदिर में होंगे। रुद्रनाथ की उत्सव डोली सगर गांव में स्थित प्राचीन सकलेश्वर मंदिर से होते हुए गोपीनाथ मंदिर पहुंची।

बीओ 1

हरे भरे बुग्यालों के बीच 11800 फीट की ऊंचाई पर पंच केदारों में से चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ का प्राचीन मंदिर स्थित है। शुक्रवार को विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद सुबह सात बजे आचार्य ब्राह्मणों ने रुद्रनाथ मंदिर के कपाट बंद किए। इसके बाद रुद्रनाथ भगवान की चल विगृह डोली और मूर्ति को लेकर भक्तगण 24 किलोमीटर की पैदल दूरी तय कर शाम छह बजे गोपेश्वर नगर स्थित गोपीनाथ मंदिर पहुंचे। रुद्रनाथ भगवान के स्वागत के लिए गोपीनाथ मंदिर परिसर में कई भक्त जुटे हुए थे। गोपेश्वर गांव की महिलाओं और तीर्थयात्रियों ने भी डोली का फूल-मालाओं से स्वागत किया। और पूजा-अर्चना की। इसके बाद रुद्रनाथ भगवान गोपीनाथ मंदिर में विराजमान हो गए। इस बार 30 हजार से भी अधिक श्रद्घालु रुद्रनाथ भगवान के दर्शनों को पहुंचे।

बाईट--अनसूया प्रसाद भट्ट--पुजारी रुद्रनाथ मंदिर।
बाईट---चंद्रकला बिष्ट--श्रदालू।
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