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मांगों को लेकर राजस्व कर्मचारी मुखर, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

चमोली में राजस्व उपनिरीक्षक (Chamoli Revenue Sub Inspector Protest) वेतन वृद्धि समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों का कहना है कि मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा.

Chamoli
राजस्व कर्मचारी हड़ताल
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Published : Dec 30, 2021, 2:28 PM IST

चमोली: सीमांत जनपद चमोली में राजस्व उपनिरीक्षक (Chamoli Revenue Sub Inspector Protest) वेतन वृद्धि समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से लामबंद हैं. राजस्व उपनिरीक्षकों की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में भू-दस्तावेज के साथ राजस्व क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण के मामलों के निस्तारण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है. साथ ही लोगों के तहसील कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

चमोली जिले में सभी तहसील मुख्यालयों पर 23 दिसम्बर से राजस्व उपनिरीक्षण चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों का कहना है कि राजस्व उपनिरीक्षक बिना संसाधनों के विषम भौगोलिक परिस्थतियों में कार्य करते हैं. लेकिन शासन स्तर पर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है. उनकी मांग है कि राजस्व निरीक्षक तथा रजिस्ट्रार कानूनगो के पदों को एकीकृत किया जाए.

पढ़ें-कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के बयान से मचा बवाल, हरदा ने कसा तंज

साथ ही, राजस्व उपनिरीक्षकों का कहना है कि वह राजस्व क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण के लिये पुलिस का कार्य भी करते हैं, उनको समान कार्य समान वेतन दिया जाए. चौथी मांग सम्वर्गीय कर्मिकों को उच्चीकृत वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2006 से दिया जाए. उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

चमोली: सीमांत जनपद चमोली में राजस्व उपनिरीक्षक (Chamoli Revenue Sub Inspector Protest) वेतन वृद्धि समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से लामबंद हैं. राजस्व उपनिरीक्षकों की हड़ताल से ग्रामीण क्षेत्रों में भू-दस्तावेज के साथ राजस्व क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण के मामलों के निस्तारण का कार्य भी प्रभावित हो रहा है. साथ ही लोगों के तहसील कार्य प्रभावित हो रहे हैं.

चमोली जिले में सभी तहसील मुख्यालयों पर 23 दिसम्बर से राजस्व उपनिरीक्षण चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. कर्मचारियों का कहना है कि राजस्व उपनिरीक्षक बिना संसाधनों के विषम भौगोलिक परिस्थतियों में कार्य करते हैं. लेकिन शासन स्तर पर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता है. उनकी मांग है कि राजस्व निरीक्षक तथा रजिस्ट्रार कानूनगो के पदों को एकीकृत किया जाए.

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साथ ही, राजस्व उपनिरीक्षकों का कहना है कि वह राजस्व क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण के लिये पुलिस का कार्य भी करते हैं, उनको समान कार्य समान वेतन दिया जाए. चौथी मांग सम्वर्गीय कर्मिकों को उच्चीकृत वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2006 से दिया जाए. उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

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