थराली: पंचायतों के गठन के बाद गुरुवार को थराली ब्लॉक सभागार में करीब एक साल बाद बीडीसी की बैठक बुलाई गई. ब्लॉक प्रमुख थराली की अध्यक्षता में ये बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में विकासखंड के क्षेत्र पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर अधिकारियों के सामने पहुंचे थे. मगर बैठक से जिला स्तरीय अधिकारी ही नदारद रहे. जिसके कारण क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने जमकर हंगामा करत हुए, बैठक का बहिष्कार किया.
प्रधान संगठन के अध्यक्ष जगमोहन रावत की अगुवाई में सभी ग्राम प्रधान प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर निकल आये. विकासखंड कार्यालय परिसर में मनरेगा कर्मियों के आंदोलन के समर्थन में सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे. प्रधान संगठन के बहिष्कार के आह्वान के बाद सभी क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने भी सदन का बहिष्कार करते हुए वॉक आउट किया.
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पंचायतों के चुने हुए प्रतिनिधियों ने कहा कि लंबे समय के इंतजार के बाद थराली क्षेत्र पंचायत की पहली बैठक बुलाई गई थी, लेकिन इस बैठक में भी जिला स्तरीय अधिकारी नहीं पहुंचे. उन्होंने कहा कि बैठक में विभागों के वो कर्मचारी भेजे गए हैं जिन्हें पंचायत प्रतिनिधि कई बार अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके हैं. सदन के सदस्यों ने बताया कि जब अधिकारियों ने बैठक में पहुंचकर समस्या ही नहीं सुननी हैं तो ऐसी बैठक का क्या फायदा.
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उन्होंने कहा कि अगली बैठक 10 दिनों के भीतर बुलाई जाये. इस बैठक में जिला स्तर के सभी अधिकारी और जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे. अन्यथा अधिकारियों के न पहुंचने पर प्रतिनिधि इस तरह की बैठक का बहिष्कार करेंगे.
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वहीं, ब्लॉक प्रमुख कविता नेगी ने भी क्षेत्र पंचायत सदस्यों और ग्राम प्रधानों के बहिष्कार पर बोलते हुए कहा कि जिला स्तरीय अधिकारियों और विभागों के विभागध्यक्षों के बैठक में न पहुंचने पर सदन के सदस्यों में रोष है. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की ये मांग जायज है. जिला स्तरीय अधिकारियों को भी बीडीसी की बैठकों में आना चाहिए.