चमोली/चंपावत: अलकनंदा नदी पर निर्माणाधीन विष्णुगाड-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना में काम कर रहे उपनल कर्मचारियों ने टीएचडीसी प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. मंगलवार को बाहर हुए उपनल के सभी 118 कर्मचारियों ने सियासैंण में टीएचडीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और पुनः बहाली की मांग उठाई. कर्मचारियों ने चेतावनी दी हैं कि अगर तीन दिनों के भीतर अनुबंधन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई तो वे टीएचडीसी के मुख्य कार्यालय पर तालाबंदी करेंगे.
हाट गांव के ग्राम प्रधान राजेंद्र प्रसाद हटवाल के नेतृत्व में मंगलवार को उपनल कर्मचारी टीएचडीसी के मुख्य प्रशासनिक भवन परिसर में पहुंचे. कर्मचारी टीएचडीसी के महाप्रबंधक से वार्ता करने और उन्हें ज्ञापन सौंपने के लिए यहां पहुंचे थे, लेकिन गेट पर मौजूद सीआईएसएफ के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें गेट से अंदर जाने की अनुमति नहीं दी. इस दौरान कर्मचारियों व सुरक्षा कर्मियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. ग्राम प्रधान राजेंद्र हटवाल ने कहा कि परियोजना में कार्य करने वाले अधिकांश परियोजना प्रभावित हैं. वे पिछले करीब दस सालों से परियोजना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. टीएचडीसी की ओर से नए अनुबंध का हवाला देकर कर्मचारियों की छटनी करने का प्रयास किया जा रहा है, इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.
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वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण के चलते लोगों को आजीविका चलाना मुश्किल बना हुआ है. अगर टीएचडीसी की ओर से कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाता है तो उनके सम्मुख भारी आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा. उन्होंने उपनल कर्मियों की सेवाएं पूर्व की भांति सुचारू रखने, कर्मचारियों की लंबी सेवा अवधि को देखते हुए नियमितिकरण की कार्रवाई करने और ओवर टाइम व विभागीय कार्यों के लिए भेजे जाने पर यात्रा भत्ता दिए जाने की मांग उठाई है.
वहीं, चंपावत में कोरोना संक्रमित होने पर एक उपनल वाहन चालक को आइसोलेट होना महंगा पड़ गया. आइसोलेशन पूरा होने जब वह नौकरी पर गया तो उसे विभाग के मुखिया ने से निकाले जाने का पत्र थमा दिया. जिससे नाराज होकर वाहन चालकों ने प्रदर्शन किया.