चमोली: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद उत्तराखंड में चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) का आगाज हो गया है. 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोले जाने हैं. इस साल चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की संभावना है. यहीं कारण है कि पुलिस और प्रशासन में अपनी तैयारियों को पूरी कर रखी है, लेकिन समस्या ऑलवेदर रोड का निर्माण कार्य है. क्योंकि ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर जगह-जगह पहाड़ों की कटिंग का अधूरा पड़ा हुआ है, जिसकी वजह से लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ेगा. इन्हीं मुश्किलों से पार पाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है.
बदरीनाथ धाम के कपाट 8 मई को और हेमकुंड साहिब के कपाट 21 मई को खोले जाएंगे. चमोली में चारधाम यात्रा के दौरान भारी भीड़ रहेगी. ऐसे में पुलिस अभी से यातायात व्यवस्थाओं की तैयारियों में जुटी हुई (Police traffic plan ready in Chamoli) है. मंगलवार 3 मई को यातायात पुलिस ने चमोली जिले के अलग-अलग कस्बों में सड़क किनारे टैक्सी चालकों के प्वाइंटों को निर्धारित कर स्थानों को चिन्हित किया (traffic plan for Chardham Yatra) है. ताकि यात्राकाल के दौरान जाम की स्थिति उत्पन्न न हों. यदि चिन्हित स्थान के अलावा कोई टैक्सी चालक कहीं और अपनी गाड़ी खड़ी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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चमोली पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे के निर्देश पर ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने टैक्सी यूनियन के प्रतिनिधियों के साथ बैठक इस विषय पर चर्चा की. बैठक में तय किया गया है कि प्रत्येक मार्ग पर रंग के माध्यम से गोले बना कर टैक्सियों हेतु स्थान निर्धारित किया गया. चमोली कस्बा यातायात की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील माना जाता है. यहां से बदरीनाथ धाम की दूरी 95 किमी और केदारनाथ धाम की दूरी 115 किमी है. केदारनाथ से चोपता राष्ट्रीय राजमार्ग 107 होते हुए बदरीनाथ जाने का चमोली मुख्य जंक्शन है. चमोली कस्बे में ही चमोली, कुंड (ऊखीमठ) राष्ट्रीय राजमार्ग 107 और बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-7 एक दूसरे से जुड़ते हैं. साथ ही चमोली से ही अनेक लिंक मार्गो के वाहन भी संचालित होते है, जिससे यात्रा काल के दौरान यंहा जाम की बड़ी स्थिति बनी रहती हैं.