चमोलीः नए साल पर पुलिस ने मोबिना के परिवार को नायाब तोहफा दिया है. साल 2009 से लापता मोबिना के पति जलील अहमद अंसारी को चमोली पुलिस ने ढूंढ निकाला है. साथ ही जलील अहमद को सितारगंज में रह रहे परिजनों को सौंप दिया है. वहीं, परिजनों ने पुलिस की इस कार्य पर खुशी जाहिर की है.
दरअसल, पुलिस गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश के लिए सभी जिलों में ऑपरेशन स्माइल अभियान चला रही है. जिसके तहत चमोली में भी यह अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में टीम को गोपेश्वर वृद्धाश्रम में बीते छह साल से एक बुजुर्ग की रहने की सूचना मिली. जिसके बाद पुलिस की टीम वृद्धाश्रम पहुंची और जानकारी जुटाई.
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पुलिस की पूछताछ में बुजुर्ग ने बताया कि वो साल 2009 में सितारगंज से मजदूरी की तलाश में जोशीमठ आया था. साल 2013 में लामबगड़ में काम करता था. जहां पर 2013 की आपदा के दौरान सारा सामान, पैसा और पहचान पत्र आदि बह गए. जिसके बाद उसकी तबीयत खराब हो गई.
बुजुर्ग ने बताया कि पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया. जहां पर किसी प्रकार का कोई पहचान पत्र ना होने पर उन्होंने वृद्धाश्रम में दाखिल कर दिया. उस दौरान उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. ऐसे में उसे कुछ याद नहीं आया. इतना ही नहीं बुजुर्ग ने अपना नाम जाहिर खान और सितारगंज चीनती माजरा का निवासी बताया.
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जिसके बाद ऑपरेशन स्माइल टीम बुजुर्ग की फोटो लेकर बताए पते पहुंची. जहां पर कांस्टेबल चंदन नागरकोटी ने स्थानीय पुलिस और सोशल मीडिया के जरिए बुजुर्ग के परिवार का पता लगाया. जहां पर बुजुर्ग के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां मौजूद मिले. वहीं, पुलिस ने परिजनों की बात वीडियो कॉल के जरिए बुर्जुर्ग के कराई.
वहीं, परिजनों ने बताया कि बुजुर्ग का नाम जलील अहमद अंसारी है. जो साल 2009 में काम की तलाश में घर से गए थे. साल 2013 के बाद कोई संपर्क नहीं हो पाया. जिसके बाद जून 2013 में उनकी पत्नी मोबिना ने थाना सितारगंज में गुमशुदगी दर्ज कराई. उधर, जलील अहमद के परिजन 1 जनवरी 2020 को गोपेश्वर पहुंचे. जहां पर पुलिस ने बुजुर्ग जलील अहमद को परिजनों को सौंप दिया है.